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मिथिलाक किसानक संग सौतेला बर्ताव

उत्तर बिहारक कइटा इलाका अखन बाढ़ि मे डूबल अछि. लोक बाढ़िक पानि सं परेशान अछि. रहनाय... खनाय... पिनाय सं लsक दिशा-मैदान दिस जनाय तक के तकलीफ अछि. ऐहन मे भारत सरकार के मकई के निर्यात पर रोक लगयला सं मिथिलांचलक कोशी क्षेत्रक किसान परेशान छथि. कोशीक बाढ़ि वाला इलाका में मकई प्रमुख फसल अछि. लोकक खनाय... पिनाय... सभ किछ खेती पर निर्भर अछि आओर एहि इलाका के खेती आई- काल्हि बड़ किछ मकई केर खेती पर निर्भर अछि. बाढ़ि वाला एहि इलाका मे एहि नकदी फसल सं लोकक चेहरा पर खुशहाली आएल अछि. मुदा एकर निर्यात पर रोक लगला सं किसानक चेहरा मुरझा गेल अछि. जेना -तेना कोनो दाम पर अपन फसल के... अनाज के बेच रहल छथिन्ह. किएक तं बेसि दिन ओ एकरा अपना पास रखिओ नहिं सकैत छथि. बाढ़ि कनि बिसेक भेल नहिं कि सभ मकई केर भंडार पानि में बहि जाएत. मुदा किछिए किसान अपन मकई बेच सकलाह अ. ज्यादातर किसानक मकई अखनो हुनके पास छनि. व्यापारी सभ जे थोक मे किसान सं माल खरीद लैत छलाह ओ एकदमे सं हाथ खिंच लेने छथिन्ह. व्यापारी सभ के कहनाय छनि जे सरकारे रोक लगा देने छै त हम कि कs सकय छी. हम एकदम मजबूर छी. किसानक मकईक फसल बर्बाद भs रहल अछि. लाखों टन मकई रेलवे के वैगन मे... ट्रक आओर ट्रेक्टर पर लादल रखल अछि. मुदा जेहिना लादल गेल तेहिना राखल अछि. सिर्फ किसाने नहिं सभ परेशान छथि... व्यापारी... मजदूर... घोड़ा-गाड़ी वाला सभ. सभक कमाई एक दोसरा सं जुड़ल अछि.
एहि में अगर पूरा देश मे निर्यात पर रोक लागल रहैत त सोचलो जा सकैत छल मुदा ई रोक दक्षिण भारतक किसानक मकई पर नहिं अछि. दक्षिण के किसान के एहि सं छूट मिलल अछि. कहि सकय छी जे ई मिथिलाक... बिहारक किसान केर संग सौतेला भेदभाव अछि. आओर ई भेदभाव केंद्र् सरकार कs रहल अछि. लाखों... करोड़ों रुपया के फसल बर्बाद भs रहल अछि आ कृषि मंत्री शरद पवार सदिखन केर भांति सुतल छथि. एम्हर काने नहिं द रहल छथिन्ह. हिनका जकां खतSSमSS कृषि मंत्री आई तक भारत में शायदे कोनो भेल होताह. हिनकर नींद तखने टूटत जखन कि मिथिला में सेहो हिनकर अपन राज्य महाराष्ट्र के विदर्भ जकां किसान खुदकुशी करय लगताह. हिनकर जे करनी छैन ओ त एहने लगैत छनि. पहिने किछ नहिं करताह बाद मे लोन माफ करथिन्ह आ विदेश सं घटिया अनाज मंगाय लोक के खिओथिन्ह.
कोशी क्षेत्रक किसान सभ एहि के लेल काफी विरोध प्रदर्शन सेहो कएलाह अछि. धरना प्रदर्शन सेहो भेल. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री के पत्र लिखि निर्यात पर लागल रोक हटावय के मांग सेहो कएलथिन्ह अ. प्रधानमंत्री के भेजल अपन पत्र में मुख्यमंत्री साफ कहलथिन्ह अ जे बिहार मे 17 लाख मिट्रिक टन मकई के पैदावार होएत अछि जे देश मे होय वाला मकई के पैदावार के 10 प्रतिशत अछि. आओर एकर खेती करय वाला बेसि किसान छोट किसान छथि. जिनकर सभ किछ खेतीए पर निर्भर अछि. पहिने जे मकई साढ़े सात सय रुपए क्विंटल बिकाय छल आई ओ पांच सय रुपए क्विंटल बिका रहल अछि. जाहि कारणे किसान के काफी नुकसान उठाबय पड़ि रहल अछि आब देखल जाय प्रधानमंत्री कि करय छथिन्ह. अगर ओ एहि पर ध्यान नहिं देथिन्ह त देशक खाद्यान्न सुरक्षा खतरा मे पड़ि सकैत अछि.

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