
एहि में अगर पूरा देश मे निर्यात पर रोक लागल रहैत त सोचलो जा सकैत छल मुदा ई रोक दक्षिण भारतक किसानक मकई पर नहिं अछि. दक्षिण के किसान के एहि सं छूट मिलल अछि. कहि सकय छी जे ई मिथिलाक... बिहारक किसान केर संग सौतेला भेदभाव अछि. आओर ई भेदभाव केंद्र् सरकार कs रहल अछि. लाखों... करोड़ों रुपया के फसल बर्बाद भs रहल अछि आ कृषि मंत्री शरद पवार सदिखन केर भांति सुतल छथि. एम्हर काने नहिं द रहल छथिन्ह. हिनका जकां खतSSमSS कृषि मंत्री आई तक भारत में शायदे कोनो भेल होताह. हिनकर नींद तखने टूटत जखन कि मिथिला में सेहो हिनकर अपन राज्य महाराष्ट्र के विदर्भ जकां किसान खुदकुशी करय लगताह. हिनकर जे करनी छैन ओ त एहने लगैत छनि. पहिने किछ नहिं करताह बाद मे लोन माफ करथिन्ह आ विदेश सं घटिया अनाज मंगाय लोक के खिओथिन्ह.
कोशी क्षेत्रक किसान सभ एहि के लेल काफी विरोध प्रदर्शन सेहो कएलाह अछि. धरना प्रदर्शन सेहो भेल. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री के पत्र लिखि निर्यात पर लागल रोक हटावय के मांग सेहो कएलथिन्ह अ. प्रधानमंत्री के भेजल अपन पत्र में मुख्यमंत्री साफ कहलथिन्ह अ जे बिहार मे 17 लाख मिट्रिक टन मकई के पैदावार होएत अछि जे देश मे होय वाला मकई के पैदावार के 10 प्रतिशत अछि. आओर एकर खेती करय वाला बेसि किसान छोट किसान छथि. जिनकर सभ किछ खेतीए पर निर्भर अछि. पहिने जे मकई साढ़े सात सय रुपए क्विंटल बिकाय छल आई ओ पांच सय रुपए क्विंटल बिका रहल अछि. जाहि कारणे किसान के काफी नुकसान उठाबय पड़ि रहल अछि आब देखल जाय प्रधानमंत्री कि करय छथिन्ह. अगर ओ एहि पर ध्यान नहिं देथिन्ह त देशक खाद्यान्न सुरक्षा खतरा मे पड़ि सकैत अछि.
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