नवका- पुरनका लेख सर्च करु...

राष्ट्र निर्माणमे राज दरभंगाक योगदानक चर्चा दिल्ली मे

दिल्लीक ताज पैलेस होटलमे 31 अगस्तक दिन आयोजित भव्य संगोष्ठी आ पुस्तक विमोचन समारोह मिथिला आ सम्पूर्ण भारतक सांस्कृतिक आ ऐतिहासिक चेतनाक दृष्टिकोण सं एकटा महत्वपूर्ण अवसर रहल। एहि आयोजनक मुख्य विषय छल 'भारतक आध्यात्मिक, सांस्कृतिक आ

राष्ट्र निर्माणमे राज दरभंगाक योगदान'। देशक विभिन्न भाग सं प्रतिष्ठित चिंतक, नीति-निर्माता आ सांस्कृतिक जगतक दिग्गज एहि कार्यक्रममे भाग लेबाक लेल दिल्ली पहुंचला। आयोजन एहि दृष्टि सं सेहो विशेष रहल जे एहि दिन दरभंगा राजघरानाक युवा उत्तराधिकारी कुमार अरिहंत सिंहक 18म जन्मदिन सेहो मनाएल गेल।

राज दरभंगा ब्रिटिश शासनकालक समयमे भारतक सबसं पैघ राज मे एक गिनल जायत छल। मुदा ई केवल एकटा राजनीतिक या आर्थिक सत्ता नहि छल, बल्कि सनातन धर्मक संरक्षक, मिथिला सभ्यताक पोषक आ भारतक सांस्कृतिक धरोहरक संवाहक सेहो छल। दरभंगा महाराज केवल दरभंगा क्षेत्रक विकास नहि, बल्कि सम्पूर्ण मिथिला आ भारतक सांस्कृतिक-शैक्षणिक पुनर्जागरणमे अविस्मरणीय योगदान देने छलाह। मंदिरसभक जीर्णोद्धार, शिक्षण संस्थानसभक स्थापना, धार्मिक सम्मेलनक आयोजन आ लोककल्याणक कार्य सभ एहि राजवंशक पहचान रहल अछि।

दिल्ली में आयोजित एहि कार्यक्रमक मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघक सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले दरभंगा राजघरानाक योगदानक स्मरण करैत कहलनि जे राज दरभंगाक महाराज सभ अंग्रेजी शासनक कठिन समयमे सेहो धर्म आ संस्कृति के बचेबाक लेल अग्रणी भूमिका निभौलाह। मंदिरक पुनर्निर्माण सं ल’ क शिक्षण संस्थानसभक स्थापना धरि, हुनकर योगदान अद्वितीय रहल। यूरोपमे राजा सभ शोषण आ विलासिता लेल चिन्हल गेलाह, मुदा भारतमे राजा सभके विष्णुक अवतार मानल गेल। कारण ई जे भारतीय राजवंश सभ, विशेषतः दरभंगा राज, अपन जीवन जनता आ धर्मक सेवा लेल अर्पित करि देने छलाह।

होसबोले विशेष रूप सं महाराज रामेश्वर सिंहक योगदानक चर्चा कएलखिन्ह। ओ कहलखिन्ह जे मदन मोहन मालवीय जखन काशी हिंदू विश्वविद्यालयक स्थापना लेल सहायता मांगला, त’ राज दरभंगा तत्काल पांच लाख टका दान कए... विश्वविद्यालय लेल 14 लाख सं बेसी धनराशिक प्रबंध सेहो कए देलखिन्ह। ओ विश्व हिंदू परिषदक स्थापना आ अनेक धार्मिक सम्मेलनसभमे दरभंगा राजक सक्रिय भूमिका के सेहो याद कएलखिन्ह।

एहि अवसर पर दरभंगा राजघरानाक प्रतिनिधि कुमार कपिलेश्वर सिंह कहलखिन्ह जे हमरा गर्व अछि जे हमर जन्म एहन परिवारमे भेल जे हमेशा लोककल्याण के सर्वोपरि मानलक। ओ अपन पूर्वजक योगदानक अनेक उदाहरण दैत कहलनि जे स्वतंत्रता संग्राम सं ल’ क शिक्षा आ स्वास्थ्य क्षेत्रमे जे योगदान देल गेल, ओ केवल राजघरानाक नहि बल्कि मिथिला आ सम्पूर्ण भारतक धरोहर अछि। हमर परिवारक ट्रस्ट आजहुं शिक्षा, स्वास्थ्य, सांस्कृतिक संरक्षण आ सेवा कार्यसभमे सक्रिय अछि। हमरा विश्वास अछि जे ई सेवा परंपरा निरंतर आगू बढ़ैत रहत।

कार्यक्रम एहि कारण सं सेहो ऐतिहासिक बनल जे एहि अवसर पर कुमार कपिलेश्वर सिंह जीक पुत्र कुमार अरिहंत सिंह अपन 18म जन्मदिन मनौलनि। एहि जन्मदिनक आयोजनक संग-संग संगोष्ठी होबाक कारण एहन प्रतीकात्मक संदेश देल गेल जे कुमार अरिहंत सिंह दरभंगा राजघरानाक भावी वारिस छैथि। दत्तात्रेय होसबोले आ अन्य अतिथि हुनका आशीर्वाद दैत कहलनि जे नव पीढ़ी एहि गौरवशाली परंपराके नव ऊर्जा आ आधुनिक दृष्टिकोण सं आगू बढ़ाओत।

कार्यक्रमक अन्य मुख्य अतिथि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव कहलखिन्ह जे मिथिला जमाना सं ज्ञान आ अध्यात्मक केंद्र रहल अछि। राजा जनक सं ल’ क दरभंगा राज धरि ई परंपरा जीवित रहल। दरभंगाक विश्वविद्यालय आ मेडिकल कॉलेज देखलाक बाद स्पष्ट होइत अछि जे स्वतंत्रता सं पहिनहु मिथिलामे शिक्षा आ स्वास्थ्य लेल गहन कार्य कएल गेल छल। केंद्र सरकार मिथिला आ बिहारक सांस्कृतिक गरिमा के पुनर्जीवित करबाक लेल प्रतिबद्ध अछि।

ओ अपन व्यक्तिगत अनुभव साझा करैत कहलनि जे जखन ओ दरभंगा गेलाह त’ ओहि ठामक स्थापत्य कला, साहित्य आ सांस्कृतिक धरोहर देखिक’ अभिभूत भ’ गेलाह। मिथिला पेंटिंग, ध्रुपद संगीत आ मिथिलाक दर्शन परंपराक उल्लेख करैत कहलखिन्ह जे मिथिला भारतक सांस्कृतिक आ दार्शनिक आत्मा अछि।

एहि अवसर पर धर्मगुरु गौतम स्वामी कहलनि जे एहन कार्यक्रम मिथिलामे, विशेषतः राजनगर स्थित राज कैंपस मे आयोजित होइत त’ ओकर महत्व आ प्रभाव आओर पैघ होइत। हुनकर बातक समर्थन स्वयं केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव सेहो कएलखिन्ह।

संगोष्ठीमे आएल प्रसिद्ध शंख वादक विपिन मिश्रा अपन प्रस्तुति सं सबके मंत्रमुग्ध कए देलखिन्ह। कार्यक्रमक अंतमे राजघरानाक तरफ सं श्रीमती कविता सिंह धन्यवाद ज्ञापन कएलनि।

कार्यक्रमक एकटा आओर आकर्षण रहल लेखक आ इतिहासकार तेजकर झा जीक पुस्तक 'राज दरभंगा: धर्म संरक्षण सं लोक कल्याण' केर विमोचन। ई पुस्तक दरभंगा राजक ऐतिहासिक योगदानक विस्तृत दस्तावेज अछि। पुस्तकमे महाराजा सभक शिक्षा, धर्म-संरक्षण, सांस्कृतिक धरोहरक पुनर्जीवन आ राष्ट्रीय आंदोलनमे योगदानक बखान विस्तार सं कएल गेल अछि।

दिल्लीक ताज पैलेस होटलक ई आयोजन केवल एकटा पुस्तक विमोचन नहि, बल्कि मिथिला आ दरभंगाक गौरवशाली परंपराक पुनः उद्घोषना छल।
एहि संगोष्ठीमे जहां दत्तात्रेय होसबोले आ भूपेंद्र यादव राष्ट्र निर्माणमे दरभंगा राजक अमूल्य योगदान के रेखांकित कएलनि, ओतहि कुमार कपिलेश्वर सिंह अपन परिवारक सेवा-परंपरा के आगू बढ़ाबयक संकल्प सेहो जाहिर कएलखिन्ह। संगहि संग, कुमार अरिहंत सिंहक 18म जन्मदिन एहि कार्यक्रम के ऐतिहासिक आ भावनात्मक महत्त्व सेहो प्रदान करलक।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अहां अपन विचार/सुझाव एहिठाम लिखु