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मेट्रो मे संभलि कs...

दिल्ली मेट्रो सं आबय जाए छी... यात्रा करय छी त संभलि कs. ट्रेन पर चढ़य सं पहिने देखि लिअ जे कहिं अहां महिला कोच मे त नहि चढ़ि रहल छी. एहन नहि होए कि कहिओ महिला कोच मे चढ़ि जाए आओर पीटा जाए.

हम मजाक नहि करि रहल छी. एहन भेल अछि. दिल्ली मेट्रो के महिला कोच मे चढ़ि गेल किछ लड़का के महिला सभ जमि कs पिटाई कएलीह. लड़का सभ कहैत रहि गेल जे सभ कोच भरल अछि. एहि मे ठाड़ होए के जगह अछि ताही लेल चढ़ि गेल छी.

मुदा महिला सभ कहां मानय वाला छलीह. ओ करय लगलीह दन-दनादन पिटाई. जमि कs धुनाई कएलीह. महिला कोच मे जे महिला के मौका मिललन्हि अपन हाथ अजमा देलीह. कइटा लड़का के उठा-बैसक सेहो कराएल गेल.

ई एक ठाम के बात नहि अछि. एहन कइ ठाम भेल अछि. ओना एहि मे किछ लड़का सभ के सेहो बदमाशी रहैत अछि जे ओ महिला कोच मे जानि कs चढ़ि जाए छथिन्ह आ घुसय के कोशिश करय छथिन्ह.

मुदा कई बेर लोक धोखा सं... अनजानापन मे सेहो चढ़ि जाए छथिन्ह. असल मे दिल्ली के मेट्रो ट्रेनक पहिल कोच महिला कोच करि देल गेल अछि. ई कोच महिला के लेल रिजर्व अछि. एहि मे घुसला पर 200 टका के फाइन सेहो अछि.

मुदा चूंकि ई मेट्रो के पहिल कोच अछि आओर कोनो स्टेशन पर घुसैत ...आ सीढ़ी सं उतरैत-चढ़ैत प्लेटफॉर्म पर अएला पर सामने मे पहिले कोच देखाएत अछि. यानी कोनो प्लेटफॉर्म पर पहुंचु सामने आ त पहिल कोच मिलत आ आखिरी.

एहि सं कई बेर ट्रेन लागल रहैत अछि त लोक ई सोचि कि गाड़ी खुलि नहि जाए...ट्रेन छुटि नहि जाए... सामने जे बोगी... कोच देखय छथिन्ह घुसि जाए छथिन्ह. आब चढ़ला पर भान होए छनि जे ओ गलत कोच मे चढ़ि गेलाह.

एहन मे ओहि पुरुष के पिटाई भs जनाए...एकरा त अहां अन्याय कहि सकय छी. एहि कोच मे चढ़ला पर सरकार... मेट्रो के तरफ सं 200 टका के फाइन राखल गेल अछि. अगर कोई गलती सं चढ़ि गेल अछि त ओकरा सं फाइन लिअ.

जे जुर्माना अछि ओ वसूल करु. मुदा ई कि अहां जे सामने आएल धुनि देलिअई. एकरा सही नहि ठहराएल जा सकैत अछि. हां अगर ओ आदमी गलत हरकत करैत अछि तखन ठीक अछि.

आखिर माए-बहिन के सुरक्षा...सुविधा के लेल त एहन कएल गेल अछि. दिल्ली मे काफी संख्या मे महिला काम-काज के सिलसिला मे मेट्रो सं यात्रा करय छथीह. मेट्रो के ई नीक कदम अछि.

मुदा एकर आड़ मे अहां ककरो शारीरिक दंड द कानून अपन हाथ मे किएक लs रहल छी. रिजर्व महिला कोच रहला के बादहुं काफी संख्या मे महिला दोसर कोच मे सेहो यात्रा करय छथीह. हुनका कोई नहि टोकय छनि.

एहन मे अगर गलती सं एक -दू लोक अगर रिजर्व कोच मे चढ़ि जाएत अछि त ओकरा दोसर कोच मे जाए लेल कहि देल जाउ... फेर सभ कोच एक-दोसर सं इंटरलिंक रहते अछि.

मेट्रो रेल के सेहो प्लेटफॉर्म पर सतर्कता बढ़ाबय पड़त... लोक मे जागरुकता फैलाबय पड़त. जेहि सं एहन फेर सं नहि होए. सिर्फ पोस्टर चिपका देलाह... कानून बना देलाह सं किछ नहि होएत अछि.

हर स्टेशन पर सुरक्षाकर्मी होबाक चाही... टिकट चेक करय वाला होबाक चाही. आओर अगर महिला कोच रिजर्व अछि त एकरा अमल मे लाबय के लेल प्लेटफॉर्म पर किछ कर्मचारी त होबाके चाही. जे नहि के बारे मे दिखाएत अछि.
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