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ई जीनाइओ कोनो जीनाई अछि !!!


कोसी केर बाढ़ि सं उत्तर बिहार के मिथिलाक इलाका जलमग्न अछि.  जेहि पानि सं लोक के जिनगी मिलैत अछि ओ पानि आई मौत केर सबब बनल अछि.  जीवन- मरण केर फर्क नहिं रहि गेल अछि.  सभ किछ तहस-नहस भs गेल अछि.  लोक के किछ नहिं फुराइत कि संकट केर एहि घड़ी मे कि कएल जाए.  इलाका के बड़का-बड़का धनिक सभ कंगाल भs गेलाह.  सभ किछ बहि गेल.   कपड़ा- लत्ता...घर -द्वार... घोड़ा-गाड़ी सभ.  किछ नहिं रहल.  जिनगी भर के कमाई...जमा-पूंजी सभ पानि मे मिलि गेल.  कोन- कोन सपना बुनने छलहुं.  ई करब... ऊ करब.  सभ मने मे रहि गेल.  आब किछ नहिं भs सकैत अछि.  करबो करब त केना.  आब ओ हिम्मत नहिं रहल.  महाविनाश केर एहन दृश्य देखला के बाद आब  आओर कि देखब.  ऐहन नहिं अछि जे लोक मदद केर लेल नहिं अएला अछि.  मुदा तबाही एतेक बेसि अछि.  एतेक लोक प्रभावित अछि जे मदद कम पड़ि रहल अछि.  राहत शिविर आओर एम्हर ओम्हर शरण लेने लोक के लोर कोसी के धार सं कम नहिं बुझाएत अछि.   सहरसा... मधेपुरा... अररिया... पूर्णिया मिला कs 16 जिला केर करीब तीस लाख लोक प्रभावित छथि.  कतेक अखनो पानिए मे फंसल छथि.  सेना के अएला केर बाद आब राहत...मदद सभ गोटे लग पहुंचय केर आस बंधल अछि.  कष्ट सं परेशान भs किछ लोक पटना... दिल्ली दिस सेहो चलि देलाह अछि.  पटना मे सेहो महावीर मंदिर दिस सं राहत केर काज भs रहल अछि.  लोक केहुना कs एहि भयावह दृश्य सं दूर जाय चाहैत छथि.  कहिओ सोचलहौ नहि छलहु जे जिनगी एतेक बेबस भs सकैत अछि.  जिनगी एतेक मजूबर भs सकैत अछि. जाहि मे नहि त जिबैत छी नहि मरैत छी... हुकुर-हुकुर करैत छी.  अगर ईहे जिनगी अछि त इहो जिनाई कोनो जिनाई अछि. 



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