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बिहार के बदनाम करय मे अखबार सेहो शामिल

लागैत अछि बिहार के बदनाम करय मे पूरा दुनिया लागि गेल अछि. दुनिया भर मे कोनो घटना होए ओकरा लेल बिहार के जिम्मेदार ठहरा देल जाएत. मुम्बई मे अपराध के लेल एक बेर राज ठाकरे बिहारी भैया सभ के नाम कि लेलाह... आब हर बात पर बिहार के नाम ल गरिअनाय फैशन जकां बनि गेल अछि. दिल्ली के मुख्यमंत्री सेहो एक बेर कहने छलीह जे दिल्ली के कानून व्यवस्था खराब करय लेल बाहरी लोक जिम्मेदार अछि. बाहरी सं हुनकर तात्पर्य बिहारे सं छल. महाराष्ट्र होए... दिल्ली होए... पंजाब होए.. असम होए... बंगाल होए हर जगह आब कोनो खऱाब चीज होएत अछि त ओकरा लेल बिहार के दोषी ठहरा लेल जाएत अछि.

पहिने बिहार के बदनाम करय मे राजनेता के राजनीतिक हित जुड़ल छलन्हि ओ वोट बैंक के लेल दस तरह सं लोक के उकसाबैत छलिन्ह. मुदा जे ताजा मामला सामने आएल अछि ओ बुद्धिजीवी वर्ग सं अछि. अखबार के सम्पादकीय विभाग सं अछि . भोपाल सं प्रकाशित देश के एकटा प्रतिष्ठित अखबार अछि दैनिक भास्कर. दैनिक भास्कर के राज्य सम्पादक छथिन्ह अभिलाष खांडेकर. हुनकर एकटा सम्पादकीय निकलल भोपाल को बिहार होने से बचाएं. खांडेकर जी ई लेख भोपाल मे कार मे भेल गैंगरेप के बाद लिखलखिन्ह. एहि लेख मे ओ एक तरह से बिहार के गाड़िए देने छथिन्ह. खुब हो हल्ला भेलाह पर आओर प्रबंधन के कइटा फोन गेलाह के बाद पेपर त नहिं मुदा साउट पर बिहार के जगह पर जंगलराज करि देल गेल अछि.

असल मे बिहार के लोक... छात्र अपन प्रतिभा के बल पर... अपन योग्यता के बल पर... अपन स्कील... क्षमता के बल पर पूरा देश मे छाएल जा रहल छथिन्ह. मेडिकल... इंजीनियरिंग... आईटी... बैंक... एसएससी... रेलवे... लोकसेवा कोनो परीक्षा होए बिहारी छात्र सभठाम अपन परचम लहरा रहल छथिन्ह. कइ ठाम त एहन भ रहल अछि जे आधा सं बेसि सफल विद्यार्थी बिहार सं रहय छथिन्ह . एहन मे ओहिठाम के लोक के लगय छनि जे अगर ई पास भ गेल त हमर अपन भाई-भतीजा के नौकरी नहि मिलत, जे ओतक समर्थ नहिं रहय छथिन्ह. जहिआ तक अनुशंसा पर होएत छल.... बिना परीक्षा लेने नौकरी देल जाएत छल तखन त ओ अपन भाई- भतीजा के ओहिना नौकरी द दैत छलखिन्ह मुदा आब जखन योग्यता परीक्षा सं होएत अछि... ओहि मे ओ पिछड़ि जाएत छथि आओर एकरा लेल बिहार के गड़िआबैत छथिन्ह. बिहारी विद्यार्थी ओना शांत होएत छथि. सभ किछ शांति सं करय चाहैत छथिन्ह. मुदा दोसर राज्य के लोक सभ हो हल्ला क हिनका होत्साहित करय चाहैत छथिन्ह. मराठी... बंगाली... पंजाबी के नाम पर अपन अस्तित्व बचाबय चाहैय छथिन्ह. जोर सं बोलि मामला के भटकाबय चाहैय छथिन्ह.

अखबार के सम्पादक के एहि मामला पर बिहार के लोक के कड़ा विरोध जतएबाक चाही ओर प्रबंधन पर ई दबाव बनाएबाक चाही जे ओ सम्पादक महोदय पर उचित कार्रवाई करय. सम्पादकीय सं सिर्फ बिहार के नाम हटा जंगलराज करला सं मामला नहिं खत्म भ जाएत अछि. ई सम्पादक महोदय के मानसिकता के देखाबैत अछि. अगर हिंसा... अपहरण... कानून व्यवस्था के मामला देखल जाए त बिहार अखनो दिल्ली-एनसीआर सं कई गुना बेहतर अछि. दिल्ली-एनसीआर मे त ठीक शहर मे दिन दहाड़े बैंक लूटि लेल जाएत अछि. महिला के उठा लेल जाएत अछि. बाइकर्स के आतंक मचल अछि. पेपर क्राइम के खबर सं भरल रहैत अछि. पेपर देखिऔ कोनो दिन एहन नहि होएत जे दिल्ली – एनसीआर के फलां-फलां इलाका मे एतेक लोक के गोली मारि देल गेल... त लूटि लेल गेल. ब्लूलाइन बस के आतंक त सभ जानिते छी. देश के राजधानी होएतहुं जेना ओकरा पर कोनो कानून लागुए नहि होएत होउ, लागू केना होएत बेसि बस त नेता सभ के परिचित के छनि. दिल्ली- एनसीआर मे एकोटा ऑटो अहां के नियत भाड़ा-किराया (मीटर) पर नहि मिलत. जतय के किराया 10 टका होएत पचास मागंत. जखन दिल्ली के ई हाल त देश के सोचिए सकैत छी. कई इलाका मे त महिला बिना कोनो पुरुष के संग बाहर नहिं निकलय छथीह. एतेक खराब हाल अछि दिल्ली-एनसीआर के. नहि जानि कोन ठाम चारिटा बदमाश आएत आओर कनपटी पर भीड़ा सभ सामान छीन लेत. कानून व्यवस्था अपना सं नहिं सुधरत त बिहारी के बदनाम करताह.

मुम्बईओ के सेहे हाल छै. मुम्बई हमला के समय राज ठाकरे जैसन लोक चुप रहताह आओर छोट छिन बात पर बिहारी के जिम्मेदार ठहरएताह. मुम्बई मे बनय वाला पचास प्रतिशत फिल्म अंडरवर्ल्ड पर रहय छै कि ओ अंडरवर्ल्ड बिहारी चलाबैत अछि. अंडरवर्ल्ड केना सिर उठाबैत अछि अहां के लचर कानून व्यवस्था के कारण नहिं. आब अहां एकरो लेल बिहारे के बदनाम करु तकर त कोनो जवाबे नहि अथि न. देश के बड़का-बड़का जतेक घोटाला भेल अछि ओहि मे निन्यानबे प्रतिशत घोटाला मे बिहार के लोक के कोनो हाथ नहि अछि. मुदा अहां बदनाम करबय बिहार के.

बिहार शुरूए सं भेदभाव के शिकार होएत आएल अछि. खनिज सम्पदा मे धनी होएतहुं शोषण कएल गेल. खनिज सम्पदा बिहार ( झारखंड सहित ) मे आओर हेडक्वार्टर बंगाल... बंबई मे... दिल्ली मे. फैक्ट्री बिहार मे ओर अफसर बंगाल के. नौकरी मे अपन-अपन इलाका के लोक के भरि देलाह. बिहारी बेरोजगारे ... बेकारे रहल. माल बिहार के आओर मलाई खाय बाहर के लोक. शिक्षा... स्वास्थ्य... सड़क... रेल... रोजगार... विकास सभ क्षेत्र मे बिहार के अनदेखी कएल गेल. एहि के लेल काफी हद तक अपन बिहार के नेता सभ सेहे जिम्मेदार छथि. जे पार्टी मे अनुशासन के नाम पर चुप रहलाह आओर अपन राज्य-क्षेत्र के उपेक्षा करैत रहलाह.

मुदा जे होए ई मुद्दा पर सभ लोक के एक स्वर सं अपन विरोध जतयबाक चाही जेहि सं आगां कोइ एहन हिम्मत फेर नहिं करय. अगर एहि बेर चुप रहब त फेर बेर- बेर एहन गप सुनय लेल तैयार रहय पड़त. आबि अहां सोचि लिअ अहां कि चाहैत छी. अपन कमेंट- विचार जरूर लिखु.

3 टिप्‍पणियां:

  1. बद अच्छा बदनाम बुरा...बिहार को दूसरों के पापों का प्रायश्चित करना पड़ रहा है...नेताओं ने निजी स्वार्थ में बिहार को जमकर लूटा और बदनाम किया...अब बाकी लोग भी बहती गंगा में हाथ धोने के लिए तैयार हैं...लेकिन कम से कम पढ़े लिखे तबके से तो ऐसी उम्मीद नहीं थी...किसी के प्रति ऐसी टिप्पणी बेहद शर्मनाक है...जिसकी कलम ऐसी हो गयी हो उसकी सोच के बारे में क्या कहा जा सकता है...बस बड़े होकर ऐसी नादान हरकतों पर ऐसे लोगों के लिए सद्-बुद्धि की कामना करनी चाहिए...
    शेखर, फरीदाबाद

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  2. ई बिहार के बदनाम करय के साजिश अछि. एकरा सभ लोक के विरोध करबाक चाही।

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  3. Muda Dainik Bhaskar wala lok ke otek virodh ke baado nai chetlak,,,, agila din national edition mein seho okra chhaip delak.

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