नवका- पुरनका लेख सर्च करु...

बिहार मे बढ़ल रोजगारक अवसर...



बिहार के लेल एकटा नीक खबर अछि. खबर अछि जे बिहार सं कमाए लेल दिल्ली... पंजाब... हरियाणा जाए वाला लोक मे कमी आएल अछि.

एकटा एनजीओ बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक स्टडीज के तरफ सं भेल सर्वे के अनुसार बिहार सं बाहर जाए वाला लोक के संख्या मे भारी कमी आएल अछि.

सर्वे मे कहल गेल अछि जे बिहार सं
पहिने जे पलायन होए छल ओहि मे करीब 26 प्रतिशत केर कमी आएल अछि.

पहिने कमाए लेल...रोजगार के लेल अगर एक सय लोक बाहर जाए छलाह तं आब ओ संख्या घटि कs 74 भ गेल अछि.

पलायन कम होए वजह बिहारक बेहतर माहौल... कानून व्यवस्था... रोजगार के उपलब्ध साधन... मनरेगा मानल जा रहल अछि.

आओर ई सभ भेल अछि बिहार मे नीतीश कुमार के शासन के कारण. लोक सभ जे डर सं गाम-घर छोड़ि के भागय छलाह से आब रुकि गेल अछि.

सरकार के कोशिश आब गैर-कुशल मजदूर के पलायन पर पूरा रोक लगाबय के अछि.

अगर बिहार मे विकासक काज होएत... लोक के गामे-घर मे रोजगार मिलत...नीक मजदूरी मिलत तो ओ किएक बाहर जएताह.

सरकार के लेल ई आंकड़ा उत्साह बढ़ाबय वाला अछि. सरकार के आओर जोर-शोर सं लोक के रोजगार उपलब्ध कराबय के दिशा मे काज करबाक चाही. विकास के रफ्तार बढ़ाएबाक चाही.

मुदा सरकार के गैर-कुशल श्रमिक... मजदूर के संग कुशल श्रम के पलायन के रोकय पर सेहो ध्यान देबाक चाही.

पढ़ल-लिखल ट्रेंड लोक सभ... इंजीनियर... डॉक्टर... आईटी... मैनेजमेंट सं जुड़ल लोक सभ सेहो बाहर जा रहल छथिन्ह. सरकार के एहि ब्रेन ड्रेन पर रोक लगाएबाक चाही.


बिहार जतय कल कारखाना लगाबय केर ओतेक अवसर मौजूद नहि अछि. सरकार के बिहार के आईटी के क्षेत्र मे आगां बढ़ाबय के कोशिश करबाक चाही.

बिहार के एकटा शिक्षा हब बनाबय के कोशिश करबाक चाही. एहि सं सरकार के करोड़ों रुपया के आमदनी होएत. लोक सभ के रोजगार के एकटा नवका अवसर मिलतन्हि.

साउथ मे विकास के रफ्तार तेज होए के एकटा कारण सैकड़ों इंस्टीट्यूट के होए के अछि. साउथ मे मेडिकल... इंजनीयरिंग... मैनेजमेंट कॉलेज... संस्थान के भरमार अछि. देश भर सं छात्र पढय लेल ओतय जाए छथिन्ह.

दाखिला लेल...एडमिशन लेल लाखों रुपया दय छथिन्ह. ओहि ठाम रहय-खाय पर हजारों रुपया खर्च करय छथिन्ह. एहि सभ सं ओहि राज्य के करोड़ों के आमदनी होएत अछि.

ओहि ठाम हजारों लोक के रोजगार मिलैत अछि. जीवन स्तर सुधरैत अछि. आयरन करय वाला सं लsक मेस चलाबय वाला तक...कागज- कॉपी सं लsक किताब के दोकान वाला तक के नीक आमदनी होएत अछि.

बिहार मे सेहो सरकार के एहन- एहन ऑप्शन पर विचार करबाक चाही. जेहि मे लागत कम आओर मुनाफा बेसि होए.

जेहि मे एक बेर पाए लगा देलाह पर बराबर पाए आबैत रहय. एना होए तं पढ़ल-लिखल लोक के बिहार सं बाहर जनाए सेहो कम होएत.

कि कहय छी अहां ?

1 टिप्पणी:

अहां अपन विचार/सुझाव एहिठाम लिखु