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सिमरिया मे कुंभ पर दिल्ली मे संगोष्ठी

 अहां सभ के ई जानि कs आश्चर्य होएत जे अपन बिहार के सिमरिया मे सेहो एक जमाना मे कुंभ होएत छल. देश-दुनिया के लाखों लोक एहिठाम आबय छलखिन्ह. गंगा स्नान करि पुण्य कमाय छलखिन्ह.
गुरुदेव करपात्री अग्निहोत्री स्वामी चिदात्मन जी महाराज
मुदा आई एहन अछि जे सिमरिया के आस-पास रहय वाला लोक के सेहो एहि बारे मे कोनो जानकारी नहि छनि. एहि बारे मे लोक के जागरूक करय आओर एक बेर फेर सं कुंभ शुरू करय के कोशिश मे लागल छथिन्ह... सिमरिया के सर्वमंगला आश्रम के गुरुदेव करपात्री अग्निहोत्री स्वामी चिदात्मन जी महाराज.

महाराजजी देश-विदेश मे धुमि कs लोक के कुंभ के
महत्व बता रहल छथिन्ह. हुनकर कहनाय छनि जे कुंभ एकटा धार्मिक अनुष्ठाने मात्र नहि अछि बल्कि देश के एक डोर मे बांधय के माध्यम अछि. एहि सं देश मे एकता- अखंडता बढैत अछि.

Ashram Simaria
कुंभ के माध्यम सं देश भरि के लोक एकठाम आबय छथिन्ह. मेल-मिलाप होए छनि. एक-दोसरा के बारे मे जानय छथिन्ह. सभ्यता... लोक... संस्कृति...रहन-सहन... रंग-ढंग के बारे मे जानय-समझय के मौका मिलय छनि. ज्ञान के विस्तार होएत अछि.

एहन कुंभ के मार्फत बिहार मे ज्ञान के जे प्रकाश फैलल छल ओ कुंभ के बंद होएला सं शिथिल पड़ि गेल अछि. इलाका... प्रदेश के पिछड़ापन के एकटा कारण एकरो मानि सकय छी. एहि सं स्थानीय लोक के ज्ञान के संग रोजगार के एकटा साधन सेहो मिलय छनि.
सिमरिया घाट
सभा... गोष्ठी... परिचर्चा आओर विद्धान सभ के प्रवचन होए सं लोक के सभ तरहक विकास होए छनि. करपात्री महराज जी आब ओहि चीज के फेर सं शुरू करय मे जुटल छथिन्ह.

एहि क्रम मे हिनकर एकटा राष्ट्रीय संगोष्ठी दिल्ली के बिरला मंदिर मे रवि दिन 20 फरवरी के होए वाला अछि. अहां सभ बेसि सं बेसि संख्या मे आबि लाभ उठा सकय छी.
प्रधानमंत्री के संग करपात्री जी महाराज


‘धर्म भारत की संजीवनी ’
‘देश की अखंडता और अध्यात्मिकता के विकास में कुंभ-तीर्थों का महत्व’
राष्ट्रीय संगोष्ठि - 2011
सेवा में,
परम श्रद्धेय भारतीय जनमानस
भारत एक धर्मप्राण देश रहा है, यानी इस देश का प्राण धर्म है. धर्म का अस्तित्व है, उसमें स्पंदन है तो देश का दिल धड़कता रहता है और कहीं गड़बड़ी हुई तो धड़कन भी गड़बड़ा सकती है. लेकिन इसकी धड़कन अबाध चलती रहे ये इतना आसान भी नहीं रहा. अंदर और बाहर के प्रत्यक्ष और परोक्ष कई आघातों ने इसे प्रभावित करने की कोशिशें की हैं, और किसी न किसी रूप में ये आज भी जारी है. पर ये भी सच है कि अपने तप से सर्वमंगल की कामना में रत संतवृंदों और महापुरुषों के सतत् श्रम और स्नेह-आशीर्वाद ने धर्म की इस ध्वजा को उखाड़ने की कोशिशों को हर बार नाकाम किया है.

इसके साथ ही अनंत काल से चले आ रहे कुंभ मेलों और अखंड भारत में कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर और अटक से लेकर कटक तक फैले असंख्य तीर्थस्थलों ने भारत को एक रखने, इसकी अध्यात्मिकता रुपी जीवनी शक्ति को बनाए रखने में उस सूत्र सा काम किया है जिसमें पिरोकर पुष्पमालाएं शोभायमान होती हैं. भारत भर में फैले ये तीर्थ शक्ति के वो केन्द्र हैं जहां से ऊर्जा लेकर चिरपुरातन और नितनवीन भारत का एक-एक जन प्रकाश पुंज के रुप में बदल जाता है.
विश्व के विशालतम मेले के रूप में जाने जाने वाले कुंभ मेलों और इन तीर्थ स्थलों की कथा अनंत है और महिमा महान. इन्हीं सारी बातों की विस्तार से चर्चा के लिए 20 फरवरी, रविवार को हमारे बीच राष्ट्र संत, अद्भुत साधक और प्रखर विचारक करपात्री अग्निहोत्री स्वामी चिदात्मन जी महाराज पधार रहे हैं, विचार गोष्ठी के जरिए हमारी कोशिश कुंभ मेलों और पावन तीर्थों की स्मृतियों को और मजबूत करने की है.

अत: आप सभी धर्मप्रेमी सज्जनों, माताओं-बहनों से निवेदन है कि अपनी व्यस्त दिनचर्या में से थोड़ा समय निकाल कर कार्यक्रम में अवश्य पधारें और सनातन भारत की जड़ों को मजबूत करने में अपना अमूल्य योगदान दें.

निवेदक
सर्वमंगला परिवार

कार्यक्रम विवरण-
स्थान- बिड़ला मंदिर वाटिका, बिड़ला मंदिर, मंदिर मार्ग
नयी दिल्ली - 110001
दिनांक- 20 फरवरी, रविवार
समय-2 बजे दोपहर

सानिध्य - 
करपात्री अग्निहोत्री स्वामी चिदात्मन जी महाराज


संपर्क -  
अशोक रावल -9810136080, अमिताभ भूषण - 9310269604,
सर्वमंगला चिंताहरणी धाम
सी-47, कीर्तिनगर, नयी दिल्ली-110015


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हमर ईमेल:-hellomithilaa@gmail.com





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