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नीतीश जी ई केहन शुरुआत क रहल छथिन्ह?

बिहार के लोक पिछला विधानसभा चुनाव मे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जीके भारी बहुमत सं जीता फेर सं कुर्सी पर बैसा देलखिन्ह. लोक हुनका एहि उम्मीद सं गद्दी पर बैसलखिन्ह जे ओ राज्य सं भ्रष्टाचार के दूर करताह... पक्षपात... भेदभाव... अनियमितता... भाई-भतीजावाद पर लगाम लगएताह. राज्य के सभ लोक के बराबर के मौका देथिन्ह. लोक के कोनो तरहक अनियमितता के सामना नहि करय पड़तन्हि.

मुदा शुरुआती कदम सं लागि रहल अछि जे भारी वोट सं जीतय के कारण गुमान आबि गेल अछि. सरकार कतहुं ई त नहि सोचय लागल अछि जे ओ जे करि रहल अछि ओ सभ सही अछि? आओर ओ जे करत लोक के समर्थन मिलैत रहत ? सरकार कतहुं मनमर्जी पर उतारु त नहि भ रहल अछि? शायद ओ दोसर सरकार सं सबक नहि ल रहल छथिन्ह.

बिहार मे टीचर भर्ती होए के अछि. टीचर भर्ती के ई मामला 2004 के अछि. 34,540 प्रशिक्षित शिक्षक के भर्ती होए वाला अछि. मामला कोर्ट मे अछि. मुदा सरकार के तरफ सं सुप्रीम कोर्ट मे जे लिस्ट सौंपल गेल ओहि मे भारी अनियमितता अछि. एकरा देखैत सुप्रीम कोर्ट बिहार सरकार के लिस्ट के रद्द करि चारि हफ्ता मे नवका लिस्ट देबय लेल कहलक अछि.

एहि लिस्ट पर किछ लोक शिकायत कएने छलखिन्ह जे वरियता सूची बनाबय मे भारी धांधली कएल गेल अछि. सरकार के तरफ सं देल गेल लिस्ट मे काफी गड़बड़ी अछि. लिस्ट मे कइटा टीचर के नाम एहन अछि जिनकर जन्म आओर टीचर ट्रेनिंग करय के साल मे सिर्फ दू- तीन साल के अंतर अछि. कइटा नाम एहन अछि जिनकर जन्म परीक्षा पास करला के बाद के अछि.

सुप्रीम कोर्ट एहि लिस्ट पर सरकार के जमि क फटकार लगाबैत नवका लिस्ट बनाबय लेल कहलक. आब बिहार सरकार फेर सं चारि हफ्ता बाद नवका वरियता सूची पेश करत. एहि मे 34,540 के नाम के संग सभ आवेदन करय वाला टीचर पद के उम्मीदवार के नाम होएत. जेहि सं कोर्ट के ई पता करय मे दिक्कत नहि होएत कि लिस्ट मे कतय गड़बड़ी कएल गेल अछि.

बिहार मे 34,540 ट्रेंड टीचर के भर्ती होए के अछि. ई भर्ती उर्दू...शारीरिक शिक्षा आओर सामान्य विषय के टीचर के लेल होए वाला अछि. मामला सरकार टालैत रहल अछि. कोर्टक लड़ाई मे फंसल अछि. ई सभ भर्ती प्राइमरी स्कूल मे होए के अछि.

नीतीश सरकार एहि मामला के कोर्ट के आदेश के बादहुं लटकएनै छथिन्ह. बेर-बेर समय मांगि रहल छथिन्ह. आ फेर कोनो नहि कोनो बहाने टालि रहल छथिन्ह. एहि सं राज्य के हजारों ट्रेंड टीचर बेरोजगार दिन काटय लेल मजबूर छथिन्ह. हुनका सभ के आगां रोजी-रोटी के संकट ठाड़ छनि. मुदा नीतीश सरकार गड़बड़ी करय मे लागल अछि.

सरकार एहि सभ सं कि संदेश द रहल अछि? कि जिनका कोनो सम्पर्क नहि छनि...जे अपन कोनो कंटेक्ट नहि भिड़ा पएथिन्ह हुनकर काज नहि होएतन्हि. सरकार एहि मे पारदर्शिता किएक नहि बरैत रहल अछि? नीतीश जीके सोचबाक चाही जे एहि सभ सं सरकार के बदनामी होए छनि.

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