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अहां केना सहैत होएब ?

इंस्टिट्यूटक आखिरी दिन छल... कॉन्वोकेशन मे शामिल अठाइसो स्टुडेंट... स्टुडेंट नहि जर्नलिस्ट कहिऔ...बड़ खुश छलखिन्ह...कॉन्वोकेशन केर बाद भेल पार्टी मे कई अखबारक एडिटर... बड़का-बड़का पत्रकार... मंत्री... नेता... अधिकारी... आओर दिल्ली मे रहय वाला पत्रकार सभ अपन-अपन दोस्त... परिवार के संग आएल छलाह.

सभ एक-दोसरा सं मिल रहल छलाह... नाचि-गा रहल छलाह... खा-पीब रहल छलाह. हमहुं किनको सं गप करय मे बिजी छलहुं...कि मिताली आबि कहलीह, “हाय हितेंद्र, हिनका सं मिलु... हमर कजिन तान्या...फाइनल ईयर मे छथीह”

घर पर अक्सर अहांक आओर दोसर फ्रेंड सभ के बारे मे गप होएत रहैत अछि. मुदा ई अहां सं किछ बेसि प्रभावित छथीह कि आखिर हितेंद्र मे कि छनि जे हम एतेक तारीफ करैत रहय छिएन्हि...लिअ आई खुद मिलि लिअ...एतेक कहि ओ तान्या के हमरा पास छोड़ि दोसर लोक सभ सं मिलए-जुलए लगलीह.
तान्या! अहा कि कहल जाए. हम देखतहि रहि गेलहुं. जेना कोनो फिल्मी हीरोईन... जेना कोनो स्वर्गक अप्सरा साक्षात हमरा आगां ठाड़ होतहि. सुन्दरता के जतेक प्रसंशा कएल जाए कम होएत... गोर खिलल-खिलल चेहरा... एकटा अलगे लालिमा लेने... जेना दूध मे सिंदूर मिला देने होए.

हम कॉलेजक पढ़ाई पूरा क निकलल आ ओ कॉलेज आखिरी साल मे... दूनू जवानीक दौर मे कदम राखि चुकल छलहुं. एहन मे त मोन मे ख्याल सेहो सतरंगी आबैत अछि न ! दुनिया के सभ चिंता सं मुक्त अपन अलगे दुनिया मे.

तान्या सं मिल एकदम सं फिल्मी कहानी जकां किछ-किछ होए लागल...किछिओ काल नहि भेल कि लागए लागल जेना तान्या के कई साल सं जानैत छी. एतेक अपनापन भ गेल जे कहल नहि जा सकैत अछि... होएबो किएक नहि करैत ओ छलीहे तेहने. ककरो अपना तरफ आकर्षित करि सकैत छलीह.
आब एहन भेल जे पार्टी मे के-के आएल छथिन्ह...किनका-किनका सभ सं मिलए के अछि... ई सभ भूलि पार्टी के आखिर तक बस तान्या के साथ रहि गेलहुं...सभ छूटि गेल...आखिर तान्या सं मिलला के बाद ककरा सं मिलतहुं... लागैत छल जेना हमरा सभ किछ मिलि गेल होए... आओर किछ सुझा नहि रहल छल. उम्र के एहि पड़ाव मे आओर दोसर किछ के कामना सेहो नहि रहय छनि.

नहि जाने... संगे-संग खाएत-पिबैत कि-कि बतिआएत रहलौं...पार्टी खत्म भेलाह पर भारी मोन सं बॉय कहलौं. समय केना गुजरल पता नहि चलल. लागल जे किछ देर आओर संग रहितौं त कतेक नीक रहैत.

ओ अपना घर चलि त गेलीह...मुदा हमरा दिल-दिमाग पर छा गेलीह. हमर मोन-मस्तिष्क पर सिर्फ तान्या...तान्या रहि गेल. खाए-पिबय.. सुतए-उठए...घुमए-फिरए सं लsक पढ़ए-लिखए तक...बस तान्या-तान्या...आओर किछ सुझाएते नहि छल. अजीब हाल भ गेल. एकटा अलगे रोमांच छा गेल.
अगिला दिन काटनाए मुश्किल भ गेल. कि कएल जाए. किछ फुराएत नहि छल. रहल नहि गेल. केहुना हिम्मत करि फोन करलौं. गप भेल...तय भेल जे पास के चाणक्या सिनेमा कॉम्प्लैक्स मे मिलल जाए. ओहि टाइम ई दिल्ली के हैपनिंग पैलेस छल.

फेर मिलए के गप पर खुशी के ठेकान नहि रहल. मिलए के तैयारी होए लागल. लड़की जकां बनय-ठनय लागलहुं...पहिल बेर ऐना भेल जे बेर-बेर आईना के आगां ठाड़ भ अपना के देखैत रहलौं... एम्हर सं त ओम्हर सं...किछ बेजाए तं नहि लागि रहल अछि.

सोचए छलहुं जे ई कहब त ओ कहब...मिलए लेल दिल बेताब... नजर बेर-बेर घड़ी पर जा रहल छल. लागए छल कहिं देर नहि भ जाए. समय कटि नहि रहल छल. तय समय सं आधा घंटा पहिनहिं चाणक्या पहुंचि गेलहुं.
मुदा ई कि! तान्या सेहो पहिने सं पहुंचल छलीह... यानी आग एम्हरे नहि ओम्हरो धधैकि रहल छल... घंटों बैसल रहलौं...एक-दोसरा के देखैत रहलौं... मुस्कुराएत रहलौं... नहि जाने कोन-कोन सब्जेक्ट पर गप भेल...ओना बोलनाए कम निहारनाए बेसि भ रहल छल.

ओहि दिन के बाद त फेर भेंट-मुलाकातक जेना सिलसिला चलि पड़ल...कोनो दिन एहन नहि रहल जे भेंट आ गप नहि होएल होए. एम्हर गाम सं सेहो फोन आबैत छल जे कोर्स खत्म भ गेल छह किछ दिन के लेल घर आबि जाsह. मुदा बहाना बना कि अखने तं कोनो ठाम नौकरी देखल जा सकैत अछि...गाम जनाए टालि दैत छलहुं.

भगवानक कृपा सं जल्दीए न्यूज़ चैनल मे नौकरी लागि गेल...तान्या सेहो पढ़ाई पूरा करि कम्पीटीशनक तैयारी करय लगलीह. कैट के परीक्षा के बाद हुनकर सेलेक्शन आईआईएम बैंगलोर लेल भ गेलन्हि...दिल्ली सं दूर भ गेलीह. अखन धरि जे रोज मुलाकात के सिलसिला छल ओ बंद भ गेल. बस फोनक आसरा रहि गेल.
वीकेंड पर मिलए वाला दू दिनक छुट्टी मे मिलए लेल कई बेर बैंगलोर सेहो गेलहुं... बीच-बीच मे ओहो छु्ट्टी मे दिल्ली आबि जाए छलीह. ई समय केना बीतल पता नहि चलल. आईआईएम के आखिरी साल मे तान्या के कैम्पस सेलेक्शन एकटा एमएनसी कंपनी मे भ गेलन्हि...ऑप्शन दिल्ली आओर ऑस्ट्रेलिया दूनु के छल मुदा ओ इंडिया मे रहनाए पसंद करलीह.

दिन गुजरैत गेल... तान्या ओहि टाइम तं ऑस्ट्रेलिया जाए सं मना करि देने छलीह मुदा प्रमोशन के बाद ओतय जाए सं मना नहि करि पएलीह. एहि बीच सभ किछ ठीक-ठाक चलैत रहल... काम मे व्यस्तता बढ़ैत गेल...हमहुं व्यस्त रहय लागलौं...तान्या सेहो बिजी रहय लगलीह.

दिल्ली मे संग रहनाए के जगह आब फोन...चैट सं मुलाकात होए लागल... ऐना भेल जे रोज -रोज के जगह वीकेंड पर गप होए लागल...फेर ऐहन भेल कई बेर 15-15 दिन तक कोनो गप नहि...असल मे ड्यूटी के चक्कर मे कई बेर एतए हम जागल त ओ सुतल...आ ओ जागल त हम सुतल... टाइमक फर्क के कारण सभ उलट-पुलट भ गेल. टाइम चेंज...सब किछ चेंज...नजरक दूरी जिगरक दूरी बनि गेल...
साल भर भ गेल मिलल... ई त दिले जानैत अछि जे हुनका बिना केना रहैत छी. सच मे तान्या अहांके हम बड़ मिस करि रहल छी...मुदा अहां सेहो एकरा केना सहैत होएब?

8 टिप्‍पणियां:

  1. bahut nik lagal sir, e kahani padhi ke sath me, ahan ke bhavna ke sath sath photo dekhi ke aaur nik lagal bahut emotional kahani ye ahan ke

    bahut mast. bad nik lagal

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  2. bahut nik lagal sir, e kahani padhi ke sath me, ahan ke bhavna ke sath sath photo dekhi ke aaur nik lagal bahut emotional kahani ye ahan ke

    bahut mast. bad nik lagal

    aab milay ke prayas karu ne sir.

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  3. bahut nik lagal sir, e kahani padhi ke sath me, ahan ke bhavna ke sath sath photo dekhi ke aaur nik lagal bahut emotional kahani ye ahan ke


    bahut mast. bad nik lagal


    aab milay ke prayas karu ne sir.

    pankaj Singh

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  4. bahut bahut dhanyawad ahan sab ke... ehina utsaah barhabait rahiyau...

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  5. bahut neek lagal muda bahut thorek shabd k prayog me reminement k avashyakta aii.

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