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मांग मनाबए के लेक नीक मौका...

मधुबनी मे सोमदिन जेडीयू के छात्र शाखा के धरना प्रदर्शन भेल. छात्र सभ ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनाबए के मांग करि रहल छलखिन्ह. हिनका सभ के कहनाए छलन्हि जे बिहार मे एकोटा केंद्रीय विश्वविद्यालय नहि अछि आओर केंद्र बिहार के संग सौतेला बर्ताव करि रहल अछि. जखन कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के लेल जरूरी सभ मानक के ई पूरा करैत अछि.

केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाबए के मांग एकदम जायज अछि. सिर्फ मिथिला विश्वविद्यालय नहि बिहार के दोसर आओर विश्वविद्यालय के ई दर्जा मिलबाक चाही. मुदा केंद्र सदिखन बिहार के संग भेदभाव...पक्षपात...सौतेला व्यवहार करैत रहल. बिहार के जतेक हक मिलबाक चाही नहि मिलल. एहि के लेल अहां सिर्फ केंद्र के जिम्मेदार नहि ठहरा सकय छी.

असल मे एहि मे अपन दोष सेहो अछि. बिहार के जतेक नेता भेलाह एक तरहे कहि सकय छी रीढविहीन भेलाह. ओ केंद्र मे अपन पक्ष के जोरदार ढंग सं नहि राखि सकलाह. केंद्र मे मंत्री तं बिहार के बड़ नेता बनलाह मुदा ओ आपसी घरेलू राजनीति मे एहन फंसल रहलाह जे राज्य के हित के पाछा रखने रहलाह. एहि सं पहिने बिहार सं सांसद एचआरडी मंत्री छलाह. वो सेहो किछ नहि करा पएलाह.

सिर्फ विश्वविद्यालय के बात नहि अछि. कोनो विभाग के लिअ. बिहार के केंद्रीय मंत्री राज्य के लेल नीक काज नहि करि पएलाह. एकरा कारण बिहार पिछड़ल रहल. हुनका मे एतेक सामर्थ्य नहि छलन्हि जे ओ अपन बात के नीक सं राखि पाबिथिन्ह. बस बड़का-बड़का भाषण मे लागल रहलाह. एक दोसरा के चुटकी लए मे लागल रहलाह.

बेसि पाछा के गप छोड़ु... हाल के साल मे तं रामविलास पासवान जी... लालू प्रसाद यादव जी...नीतीश कुमार जी सभ रेल मंत्री रहलाह. मुदा बिहार मे रेल यातायात के अखनो हाल नीक नहि अछि. कोनो ट्रेन मे जाउ सीट... रिजर्वेशन मुश्किल सं मिलत...जतेक कंडम ट्रेन मिलत बिहार के लेल मिलत. सवारी गाड़ी के तं हाले नहि पूछु.

ई तं बस उदाहरण अछि सभ चीज मे सेहो इहे हाल अछि. ग्रामीण विकास... इंफ्रास्ट्रक्चर... स्वास्थ्य...टेलीफोन...संचार... उद्योग... फूड प्रोसेसिंग... पर्यटन सभ मे जे प्रगति होबाक चाही छल...से नहि भेल. जखन कि मंत्रालय सं लsक नीचा तक... बिहारी मंत्री...सांसद सं लsक दफ्तर के बाबू तक सभ ठाम अपन लोक. फेर ई हाल किएक?

लोकतंत्र मे कई बेर अपन हक के लेल लोक के आवाज उठाबय पड़ैत अछि. सभ नेते भरोसे नहि छोड़ु. हुनका हुरकाबैत रहिऔ. सदिखन कोनो नहि कोनो काज बताबैत रहिऔ. हर गाम... ब्लॉक...जिला सं दू चारि गुट होबाक चाही जे अलग-अलग तरह के मांग अपन इलाका लेल बेर-बेर करैत रहथुन्ह. हुनका अपन समस्या...परेशानी कष्ट सं बराबर अपडेट कराबैत रहिऔ... ओ भगवान नहि छथिन्ह जे मोन के बात जानि जएताह. बिना बतौने किछ नहि करताह.

एक बात ध्यान राखु. बिहार मे चुनाव होए वाला अछि. अखन केंद्रीय मंत्री सभ बिहार दौड़ताह. नेता सभ हाजिरी लगएताह. राहुल गांधी सेहो बिहार पर पूरा जोर देने छथिन्ह. 4 तारीख के समस्तीपुर... सहरसा दौरा पर आबि रहल छथिन्ह. अपन मांग हुनका आगां राखु. जतेक मंत्री... नेता आबय छथिन्ह अपन सभटा मांग आगां रखने जाउ. जरूरत पड़य तं चुनावी तारीख घोषणा होए सं पहिने अपन प्रतिनिधि सभ के मांग के संग दिल्ली दौड़ा दिअ.

एहि बेर साफ कहिऔ. हमर इलाका के विकास के लेल ई काज होएत त वोट देब नहि सं चुनाव के बाद अहांक पार्टी के विधायक आओर अहां के इलाका मे घुसय नहि देब. मुदा एकरा लेल अहां सभ वोटर मे विकास के ललक होबाक चाही. अपन गाम -घर मे दिल्ली... पंजाब... हरियाणा आओर दक्षिण भारत के गाम-शहर जकां देखय के इच्छा होबाक चाही.

अगर ऐना नहि अछि...विकास देखय के इच्छा नहि अछि. जेना अछि तेहने रहय चाहय छी. तखन कोए जीतय कि फर्क पड़ैत अछि? तखन विकास करय वाला नेता के छोड़ भाई- भतीजा...जाति...गाम...घर के काका...चाचा...मामा के वोट दिअउ. वोट सं पहिने हाथ जोड़ताह... पैर पड़ताह. मुदा ओकरा बाद...फेर तेहने के तेहने. विकास के लेल जाति... धर्म... काका-मामा के बंधन सं निकलय पड़त

आब फैसला अहांक करय के अछि. कि चाहय छी? अहां अपन विचार जरूर राखब. कि कहबाक अछि अहांके एहि विषय पर?
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हमर ईमेल:-hellomithilaa@gmail.com

1 टिप्पणी:

  1. सही कहा सर बिहार के प्रति हमेशा सौतेलापन व्‍यवहार किया गया है। इसमें हमारा ही दोष कहिए कि हम उन नेताओं को शीर्ष पर बिठाते हैं जो अपनी आवाज को उठा ही नहीं सकते उनमें ताकत ही नहीं है।

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