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तत्काल टिकट के लेल पहचान पत्र !

रेलक तत्काल सेवा टिकट के लेल पहचान पत्र जरूरी करय पर विचार भs रहल अछि. अखन तं एतेक अछि जे भोर मे आठ सं नौ बजे तक तत्काल टिकट एजेंट के कटाबय पर रोक लगा देल गेल अछि.. एहि फैसला के असर तं सिर्फ ओहि एजेंट पर पड़त जे नेट सं टिकट काटि बेचैत अछि.. मुदा लाइन मे लगि बुकिंग काउंटर सं टिकट कटाबय पर रोक नहि लागल अछि. अहां केना जानबय जे कोन आदमी एजेंट अछि आओर कोन नहि ? कोन दलाल अछि कोन नहि ?
फेर एजेंट खुद आम लोक के तरह नेट सं टिकट कटाएत तं अहां केना रोकबय? एहि काज के एजेंट दोसर कम्प्यूटर.... दोसर ठाम सं कs सकैत अछि. दोसर दस नाम सं कs सकैत अछि. एहि पर रोक लगनाय मुश्किल अछि....सवाल एजेंटो सभ के रोटी-रोटी कमाय-खाय के छै एहि लेल ओ सभ सेहो कोनो नहि कोनो काट तं खोजबे करत. तखनो रेल मंत्रालय के ई एकटा नीक कदम अछि जे तत्काल टिकट एजेंट के माध्यम सं नहि होएत... मुदा एहि पर पूरा रोक तखने लागत जखन पहचान पत्र सं टिकट मिलत. आओर रेलवे एकरा लागू करय पर विचार करि रहल अछि... एहि बारे मे चर्चा भेलाह के बाद किछ निर्णय आबि सकैत अछि..
अखन तं बुकिंग काउंटर खुलल नहि कि खिड़की पर दलालक कब्जा. बीच-बीच मे छापेमारी सेहो होएत रहैत अछि.... मुदा ऊंटक मुंह मे जीरा जकां अछि.. एहन स्थिति मे आम लोक के टिकट मिलत तं कोना... अखन तं हाल ई अछि जे आठ बजे काउंटर खुलल नहि कि तत्काल कोटा भरि जाए के बोर्ड लगि जाएत अछि.... नेट पर टिकट कटाबय जाउ तं वेबसाइट खुलबे नहि करत आठ सं नौ के बीच... देश मे रोज ढाई सं तील लाख टिकट इंटरनेट सं कटैत अछि. आओर करीब आठ लाख एजेंट अछि..
एजेंटक संख्या देखि अहां जानि सकैत छी जे एतेक एजेंट जं टिकट कटाएत तं आम लोक के केना टिकट मिलत. फेर एजेंटक काज रोज टिकट कटाबय के रहैत अछि एहि लेल ओ दस तरहक उपाय सेहो जानैत रहैत अछि... एहन मे आम लोक परेशान....फेर दलालक भारी फौज सेहो रहैत अछि. ओ ए कुमार....बी कुमार....आर कुमार... एस कुमार.... जकां नाम सं पहिनहिं टिकट कटा ब्लैक करैत रहैत अछि. एहन मे अगर पहचान वाला काज होएत अछि तं ओ किछ कारगर कदम भs सकैत अछि.
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हमर ईमेल:-hellomithilaa@gmail.com

1 टिप्पणी:

  1. ई पोस्टवा बहुते नीक लागल.... परन्तु हिंदी मा रहल तो औरन लोगन के भी भला हो जात....

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