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परीक्षा कॉपी मे जाति लिखनाय अनिवार्य !!!

एकटा खबर पढ़ि एकदम सं दंग रहि गेलौं जे आब बिहार मे वार्षिक परीक्षा के उत्तर पुस्तिका मे छात्र के अपन जाति लिखय पड़त. ई परीक्षा मे शामिल होए वाला आओर पास होए वाला विद्यार्थी के प्रतिशत जानए लेल कएल गेल. कहल जा रहल अछि जे परीक्षा देबय वाला पिछड़ी आओर अनुसूचित जाति के विद्यार्थी के संख्या जानय के लेल जाति लिखय लेल कहल गेल अछि. ई फरमान मुजफ्फरपुर मे जारी कएल गेल मुदा खबर अछि जे एहि पर हो-हल्ला भेलाह के बाद एकरा निरस्त करि देल गेल. शिक्षा विभाग अपना के एहि बात सं अनजान बता रहल अछि. ओना शिक्षा मंत्री एकर जांच के बात कहलखिन्ह. कहल त इहो जा रहल अछि जे एहन कोनो मामला सामने आएल त अफसर के दंडित कएल जाएत. अगर जाति जानय के बात अछि त ओ स्कूल के दाखिला रजिस्टर सं पता चलि सकैत अछि एकरा कोनो जरूरत नहि.
मुदा सवाल ई अछि जे अगर एहि खबर मे एको मिसिया सच्चाई अछि त जिला के आओर अफसर... विभाग कि सुतल छल. परीक्षा देबय वाला के पहचान छुपल रहय एकरा लेल कॉपी पर नाम तक नहि लिखल जाएत अछि. एहि के लs क बिहार मे बेसि लोक सभ अपन नाम के आगां सरनेम जोड़नाय बंद करि देलखिन्ह आओर एहन-एहन सरनेम राखल लागलखिन्ह जेहि सं जाति के पता नहि चलय. सरनेम मे बस कुमार... रंजन... सुमन... भारती जकां टाइटल लगाबय लागलखिन्ह.
पहिने कहल जाए छल जे परीक्षा कॉपी मे नाम लिखला पर... जाति लिखला पर ... जाति के पहचान सामने आएलाह पर कॉपी जांचय वाला अपना हिसाब सं नंबर कम बेसि कs सकय छथिन्ह... पक्षपात कs सकय छथिन्ह. कॉपी जांचय वाला भेदभाव कs ककरो कम-बेसि नंबर द सकय छथिन्ह.
जतय कॉपी पर रोल नंबर के सिवा नाम तक नहि लिखय देल जाएत छल ओतय जाति के नाम के जिक्र एकदम सं चौंका देबय वाला खबर अछि. अगर अहां के इलाका मे एहि तरहक कोनो गप होएत अछि त ओकर खिलाफ आवाज उठएबाक चाही. नहि अगर अहां के कि लगैत अछि.कॉपी पर जाति लिखनाय सही अछि त कोनो बात नहि.
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2 टिप्‍पणियां:

  1. अहाँक कहने एकदम ठीक अछि. परीक्षाक कॉपी पर जाति लिखबाक सॅ जातिक आधार पर मूल्‍यांकन शुरू भ जेते। सच त अछि जे जाति-पात के सरकारे बढावा देत अछि।

    अहॉक
    महेश

    http://popularindia.blogspot.com/2010/01/blog-post_27.html

    http://popularindia.blogspot.com/

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  2. देखो भैया कापी में जात पात की बात रहे ठीक नहीं है ना,ये करन अगर जाती ना लिखी जाये तो अच्छी बात है..
    वैसे भी आजकल जात पात के नाम पर लोगों को दबाया जाता है सो जात पात सामने ना लायी जाये सिक्षा मे तो कम से कम...

    संजय सेन सागर
    हिन्दुस्तान का दर्द

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