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मोन मिथिले मे अछि...


आबि त गेलहुं मुदा आबय के मोन नहि करय छल. ओना त गर्मी छु्ट्टी मे गाम जाए छलहुं मुदा एहि बेर नवम्बर मे भगिनी के शादी होए के कारण गर्मी छुट्टी मे नहि गेलहुं. डेढ़ साल बाद गाम जाए के आनन्दे किछ आओर अछि. करीब 25 दिनक यात्रा के दौरान केवटी... दरभंगा... मधुबनी... राजनगर...भगवानपुर... जयनगर...देवधा... खजुरी-महुआ नेपाल आओर सासुर कस्मा-मरार जाए के मौका मिलल. एहि बेर सभ सं नीक गप ई रहल जे ऑर्कुट... फेसबुक आओर हेलो मिथिला सं जुड़ल कई लोक सं भेंट मुलाकात भेल. लोक सभ नीक काज कS रहल छथिन्ह. ऑर्कुट के एकटा संगी त जेहिआ मिललाह ओहि दिन एकटा मैथिली सीरियल बेटी के शूटिंग शुरू करय वाला छलाह.
दरभंगा-मधुबनी के बेसि सड़क नीक भ गेल अछि सिर्फ दरभंगा सं हमर गाम जाए वाला रोड दरभंगा-जयनगर नेशनल हाइवे के हाल बड़ खराब अछि. एतेक उबड़-खाबड़ अछि जे देह के एक-एकटा हड्डी के जोड़ ढ़ीला भs जाएत. गाम तक पहुंचय धरि अगिला सीट पकड़ने रहलौं. लोक सभ भगवान के नाम लs कs सफर करय छथिन्ह. ओना एकरा जल्दीए ठीक होए के उम्मीद छै.
दरभंगा मे दू टा शादी मे शामिल भेलहुं. भगिनी के शादी मे कन्यादान सेहो हमरे करय के रहय. ओहि के बाद गामे के एकटा आओर लड़की के शादी मे शामिल भेलहुं. एहि बीच एम्हर ओम्हर घुमनाय होएत रहल. जतय जाउ मिथिलाक दस तरहक खाना. दस तरहक तीमन... तरकारी... तरुआ. आओर हमर फेवरिट तिलकोर के तरुआ. आ...हा... एकरा त न नहिए कहि सकय छी. भ सकैत अछि दोसर ठाम रहतौं त खाएत-खाएत अकक्ष भ जएतौं मुदा मिथिलाक तरुआ.. तिलकोर केतबो खाउ मोन नहि भरत पेट भने भरि जाए. ई जरूर रहल जे एहि दौरान पेट ठीक बनल रहल... कहि सकय छी जाड़क मौसम छल जे बेसि खा लेलाह के बादहुं पेट संभार मे बनल रहल. सभ स बड़का बात छै जे अहां मना सेहो नहि न कs सकय छी. सभ ठाम एकय टा चीज सुनय लेल मिलि जाएत ओतेक दिन बाद अएलौं ओहिने चलि जाएब... एक दिन खएला सं किछ नहि होएत... अरे पेट खराब नहि न होएत... सभ पचि जाएत... अहां खाउ न किछ होएत त दवाई छै न... खिआबय के दस टा बहाना... एक बात छै जे एहन दोसर ठाम नहि मिलत एक बेर मना करिऔ कि फेर दोसर बेर नहि पूछत.
ओना आब गामो दिस आब धीरे –धीरे बैसाsक खिआबय के रिवाज खत्म भेल जा रहल अछि. प्लेट लिअ... खुद निकालि के जे लेबय के होए लिअ आओर खाउ. मुदा एहि मे अपन मिथिला वाला मजा नहि आबय छै. बैसाs क खिआबय के बाते किछ आओर छै... लाल कका के दिऔन... त सोन भाई के दिऔन... नहि-नहि आब नहि... तखनो चारि टा रसगुल्ला पात पर राखि देनाय... एकटा कचौरी राखि देनाय... एक दोसरा के पूछि-पूछि कs हंसैत... बतिआएत खनाय के आनन्द आओर कतहुं नहि भेटत.
ई सभ याद करला पर दोसर काज मे मोन नहि लगैत अछि. ताही लेल एकरा एहि ठाम विराम देल जाउ. आब फेर सं आबि गेलहुं अ. एहि बीच मे अहां सभ के हेलो मिथिला पर किछ नवका नहि मिलत एकरा लेल खेद अछि. कइटा मेल... मैसेज आएल. मुदा कई ठाम नेटवर्क के प्राब्लेम... आओर दोसर दिक्कत के कारण हेलो मिथिला के अपडेट नहि करि पएलौ. आब फेर सं अहां के रोज किछ नहि किछ जरूर पढ़य लेल मिलत.
धन्यवाद
अहांक
हितेंद्र कुमार गुप्ता



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3 टिप्‍पणियां:

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