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शर्म करु बिहार... शर्म करु नीतीश जी...

बिहार के लोक के लेल ई शर्म के बात अछि. शर्म सं डूबि मरय के बात अछि. मुख्यमंत्री कतबो सुशासन... कानून-व्यवस्था के ढोल पिटथिन्ह. मुदा 23 तारीख.. गुरुवार के राजधानी पटना के खास इलाका एक्जीबिशन रोड पर जे भेल ओ दुनिया भर मे बिहार के नाक कटाबय लेल काफी अछि. शहर के बीचोंबीच अप्सरा सिनेमा के पास एकटा महिला के एक आदमी नंगा करैत रहल आओर लोक सभ या त धृतराष्ट्र जकां आंखि बंद कएने रहलाह. या टिकुर-टिकुर निहारैत रहलाह.
 
जोर-जबरदस्ती करैत आरोपी
पुलिस... प्रशासन सभ किछ भs गेलाह के बाद डंडा बजाबैत आएल... दू-तीनटा के पकड़लक... एकटा एएसआई के सस्पैंड करि देल गेल अछि. जांच के आदेश द देल गेल ... आओर खेल खत्म. कि सभ दिन एतबे होएत रहत? नीतीशजी कि अहांक कामयाबी बस चुनाव जीत गेलाह पर खत्म भ जाएत अछि ? अहांक कानून-व्यवस्था के पोल आब कोन चीज सं खुलत जे ठीक अहांक दफ्तर त किछुए दूर महिला के कपड़ा उतारि देल जाएत अछि आ अहांक पूरा प्रशासन... सरकारी अमला सुशासन के गुणगान करैत रहैत अछि. कहि अहुं चाटुकारिता के निशाना बनि असल मुद्दा सं भटकि त नहि रहल छी ?
 
तमाशबीन लोक
कहल त इहो जा रहल अछि जे ओहि महिला के नौकरी के झांसा द होटल मे बेचय लेल लाएल गेल रहय... मुदा ओ महिला पाई के लेन-देन के गप सुनि ओहि ठाम सं भागलीह. भागलीह त मुदा अप्सरा सिनेमा के पास पकड़ा गेलीह. आओर ओ आदमी राकेश सिंह महिला के पकड़ि कs ल जाए लागल. विरोध कएला पर कपड़ा फाड़ि देलक. नंगा करि देलक. 
 
आरोपी राकेश
सवाल उठैत अछि कि राजनीतिक... सामाजिक रूप सं जागरूक मानय जाए वाला बिहार के लोक के आत्मा एतेक मरि गेल अछि जे एहि के खिलाफ ककरो आवाज नहि उठल ? ... ओहि लड़की के बचाबय लेल कोई सामने नहि आएल ? ... ओ युवती मदद लेल चिल्लाएत रहल आओर लोक सभ भागैत रहला. बिहार के लोक एतेक नपुंसक कहिआ सं भ गेल ? कि ककरो पर्सनल मामला होएलो पर हम एकटा आदमी के सरेआम महिला के संग एहन बर्ताव करय के इजाजत द सकय छी ? सिर्फ एकटा आदमी दुर्योधन... दुशासन जकां ओहि महिला के चीरहरण करैत रहल आओर सभ लोक चुपचाप देखैत रहलाह. अर्जुन...भीम आओर धर्मराज युधिष्ठिर जकां अहां सभ के कोनो बंधन त नहि रहय... फेर कोन मजबूरी रहय जे अहां सभ तत्काल ओहि आदमी के पकड़ि पुलिस के हवाले नहि कएलहुं.
अगर आई अहां कोनो माय-बहिन... कोनो मजबूर... मजलूम महिला के खिलाफ होएत अत्याचार के खिलाफ आवाज नहि उठाएब त फेर कहिओ अहां जखन मुसीबत मे होएत अहांक मदद लेल... के आगां बढ़त ? जागु... नामर्द जकां नहि रहुं. समाज... इलाका मे... आस पास होए वाला अत्याचार... शोषण... जुल्म के खिलाफ आवाज उठाउ. मौत त एक दिन आबहिं के अछि. मुदा अपना नजर मे खुद मरि के जीs क कि करब. 
फोटो सौजन्य:हिन्दुस्तान
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2 टिप्‍पणियां:

  1. Hummar hisaab sa ee ta Patna ke Public ke besi galti chhai! Nitish jee ke dosh ottek nahin chhai; jattek ki Patna ke Public ke (je ki aas paas chhalae).
    arunjha197@rediffmail.com

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  2. it was the game plan of some polticians ahin sochu, media ke log pahile sa kaina camera la ka ota pahoonch gel. ie sab nitish aar bihar ke badnaam kara ke chail chai aar kich nai
    sanjib20022001@yahoo.com

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