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कोसी मे पानि पढ़ला सं बेचैनी...

नेपाल मे मुसलाधार बारिश के बाद कोसी मे एक लाख चौंसठ हजार क्यूसेक पानि छोड़ला सं सुपौल... अररिया के कइटा इलाका मे पानि घुसि गेल. पानि छोड़ला सं कोसी नदी के जल स्तर बढ़ि रहल अछि. पानि उफान मारि रहल अछि. एहि सं लोक के एक बेर फेर सं बाढ़िक भय सताबय लागल अछि. ओना अखन त मानसून शुरूए भेल अछि. आब त पानि होएते रहत एहन मे कोसी के जल स्तर आओर बढ़त.
गाम मे पानि घुसला के बाद पहिने त लोक सभ मे हरबर्री... कोहराम जकां मचि गेल. लोक सभ केहुना कs घर–द्वार छोड़ि ऊंच ठाम चलि गेलाह. मुदा ऊंच जगह पर हिनका सभ के रहय के लेल कोनो खास व्यवस्था नहि अछि. बारिश के मास मे घर के बाहर रहनाय जीवन के एकटा संघर्ष अछि.
पिछला साल 18 अगस्त के आएल बाढ़ि सं इलाका के लाखों लोक बेधर भs गेल छलाह. जान-माल के भारी नुकसान भेल छल. सैकड़ों लोक... माल-मवेशी पानि मे बहि गेलाह. कतेक घर... पुल दहा गेल. सड़क... रेलक पटरी सभक नामोनिशान नहि रहल. चारुकात पानिए-पानि. ओहन मे नेपाल मे दिन राति भ रहल पानि सं... आओर नदी मे पानि छोड़ला सं लोक सभ चिंतित छथिन्ह.
ओना पिछला साल के बाढ़ि के बाद सरकार एहि बेर कोनो रिस्क नहि लेबय चाहैत अछि. प्रशासन के पूरा अमला के कोनो स्थिति सं निपटय के लेल सतर्क करि देल गेल अछि. इंजीनियर सभ के सेहो बांध... तटबंध पर ध्यान देबय लेल कहि देल गेल अछि. मधेपुरा... सुपौल... सहरसा... पूर्णिया आओर अररिया इलाका मे प्रशासन के ओर सं बाढ़िक स्थिति सं निपटय के तैयारी कएल गेल अछि. सरकार के कहनाय अछि जे कोसी के बांध सुरक्षित अछि आओर लोक के धबराय के जरूरत नहि अछि. ज्यादा पानि छोड़ला सं बांध के कोनो नुकसान नहिं होएत. बांध के काफी मजबूत क देल गेल अछि.
भगवान करय एहि बेर बांध नहि टूटय. सभ किछ नीक रहय. लोक के बेसि परेशानी नहि होए. अपना सभ त प्रार्थना करिए सकय छी. शेष त ऊपर वाला के हाथ मे अछि. ओना सरकार.. प्रशासनिक अमला के सेहो सदिखन तत्पर आओर सतर्क रहय पड़तन्हि. आपात स्थिति के लेल हर वक्त तैयार रहय पड़तन्हि.
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