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नहिं मिलला कालीदास...

एकटा लड़का सं गप्प भs रहल छल. गप्प साहित्य... उपन्यास... कहानीक किताब पर भs रहल छल. ओ कइटा लेखक सभ के बारे मे बताबय लगलाह. प्रेम कथा पर सेहो गप्प भेल. हम हुनका सं पुछलिएन्हि जे कालीदास के पढ़ने छी कि नहिं. ओ कहलाह नहिं. हम कहलिएन्हि हम अहांक के हुनकर किछ किताब गिफ्ट करब. अहां हुनका पढ़ि लेब. प्रेम... परिणय... श्रृंगार पर हुनकर किताब के कोनो तुलना नहिं अछि. बेसि त नहिं मुदा जतेक किताब अखन धरि पढलहुं... जे बात हुनकर किताब मे अछि दोसर ठाम कतहुं नहिं मिलल. गप्प खत्म भेलाह के बाद सोचलहुं जे किताब खरीदे लेल जाय. पास के दोकान मे किताब नहिं मिलल. चलि गेलहुं नोएडा के सेक्टर 18 मार्केट आओऱ अट्टा बाजार. डेल्टा... गलगोटिया कइटा दोकान मे गेलहुं. कालीदास जीक अभिज्ञान शाकुंतलम... मेघदूत... ऋतुसंहार... रघुवंशम आओर कुमारसंभवम मे सं कोनो किताब नहिं मिलल. पांच-सात टा किताबक दोकान मे गेलहुं मुदा सभ ठाम जेना हिंदी... संस्कृतक किताब सं एलर्जी होए. एक त दोकानदार दोसर दोकान मे किताब खरीदय वाला लोक सभ सेहो हमरा एना घुरय लगलाह जेना कोनो दोसर ग्रहक प्राणी होय. दिल्ली...नोएडा जकां बड़का शहर मे त हिंदी... संस्कृतक किताब किछ खासे जगह पर मिलि सकैत अछि. आई- काल्हि सभ दोकान मे अहां के अंग्रेजीए के किताब... पत्र-पत्रिका सभ देखय लेल मिलत. दिल्ली मे दक्षिण मे जेएनयू के इलाका...आओर उत्तर मे दिल्ली विश्वविद्यालय के इलाका मे... नई सड़क ... दरियागंज मे खोजला पर किछ दोकान मे अहां के हिंदी के किताब मिलि सकैत अछि. मुदा अगर अहां कोनो पॉश कॉलोनी... वीआईपी इलाका दिस रहैत छी त ओहि ठाम हिन्दी के किताब खोजलो पर नहिं मिलत.
मन मारि कs घर वापस आबि गेलहुं. आब किनको सं कहि कs मंगायब पड़त. नहिं त कहिओ दरियागंज...नई सड़क दिस जाए के मौका मिलत त खरीदब. मुदा एहि सं पता चलैत अछि जे देश मे हिंदी...संस्कृत के कि हाल भs रहल अछि. शहर सभ मे स्कूल- कॉलेज मे पढ़ाई-लिखाई अंग्रेजीए मे भs रहल अछि. किछ दिन के बाद एहन भs जाएत जे बच्चा सभ के हिंदी पढ़ाबय लेल मनोहर पोथी सेहो खोजने नहिं मिलत.


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4 टिप्‍पणियां:

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