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किन्कर्तव्यविमुढ...

दिल्ली मे जल्दीए एकटा आओर मैथिली नाटक होबय जा रहल अछि. दड़िमा के संजीव कुमार सं फोन पर बात भs रहल छल त ओ कहलाह जे संजय चौधरी जीक निमंत्रण छनि काल्हि सं रिहर्सल शुरू होएत. ई गप्प सुनतहिं हम तुरंत मिथिलांगन के संजय चौधरी जी के फोन लगएलहुं. हुनका सं गप्प मे पता लागल जे ओ काल्हि सं मैथिली नाटक 'किन्कर्तव्यविमुढ' के रिहर्सल शुरू करय जा रहल छथिन्ह. संजय जी कई साल सं रंगमंच सं जुड़ल छथिन्ह आओर कइटा नीक नाटक पेश कs चुकल छथिन्ह. पिछला साल हिनकर निर्देशन मे भेल उगना हाल्ट देखय लेल मिलल छल. संजय जी सोन मछरिया आओर नैका बनिजारा मे अपन निर्देशन प्रतिभा के लोहा मनबा चुकल छथिन्ह. एहि नाटकक आयोजन मिथिलांगन आओर मैथिली भोजपुरी अकादमीक ओर सं भs रहल अछि. 'किन्कर्तव्यविमुढ' के लेखक छथिन्ह रोहिणी रमन झाजी. संगीत द रहल छथिन्ह सुन्दरमजी . कुमार शैलेंद्रजी सेहो नाटक सं जुड़ल छथिन्ह. नाटक दिल्ली के द्वारका मे रामफल चौक के पास सीसीआरटी ऑडिटोरियम मे होएत. नाटक 29 मार्च क सांझ 6 बजे शुरू होएत. संजीव कुमार जी सेहो एकटा किरदार मे रहताह. एहि सं पहिने हुनकर अभिनय प्रतिभा ' उगना हाल्ट ' मे देखय के मिलल छल. बड़ नीक नाटक खेलय छथि.

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