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मैथिली साहित्यक पहिल इतिहासकार नहिं रहलाह

मैथिली आओर अंग्रेजी के प्रकांड विद्वान डा. जयकांत मिश्र नहिं रहलाह. 3 फरवरी मंगल दिन इलाहाबाद मे हिनकर निधन भs गेलन्हि. जयकांत जी 87 साल के छलाह. महामहोपाध्याय उमेश मिश्र जीक पुत्र डा. जयकांत मिश्र जीकक जन्म 22 दिसंबर 1922 के मधुबनी जिला के गजहरा गाम मे भेल छलन्हि. डा. मिश्र मैथिली साहित्यक इतिहास 'ए हिस्ट्री आफ मैथिली लिटरेचर' लिखय वाला पहिल साहित्यकार छलाह. जयकांत जी इलाहाबाद विश्वविद्यालय मे अंग्रेजी शिक्षक आ विभागाध्यक्ष छलाह. 1963 मे इलाहाबाद मे मैथिली पत्र... पत्रिका के प्रदर्शनी लगएलाह जेहि मे ओहि समयक भारत के प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू सेहो आएल छलखिन्ह. जकर बाद 1965 में मैथिली के साहित्य अकादमी मे शामिल कएल गेल. मिश्रजी साहित्य अकादमी मे मैथिलीक प्रतिनिधि सेहो छलाह आ आजीवन मैथिलीक विकास के लेल लागल रहलाह. 1982 मे इलाहाबाद विश्वविद्यालय सं रिटायर भेलाह के बाद चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय सं जुड़ि गेलाह. हिनकर लिखल किताब मे कीर्तनिया ड्रामा... फोक लिटरेचर ऑफ मिथिला आओर ए हिस्ट्री आफ मैथिली लिटरेचर शामिल अछि. हिनकर निधन के समाचार मिलतहि समस्त मैथिल लोक शोक के लहर मे डूबि गेलाह. अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद के धनाकर ठाकुर जी हुनकर निधन पर शोक जताबैत कहलथिन्ह जे मैथिली के विकास मे जयकांत जीक बड़ पैघ हाथ छनि. मैथिलीक विकास के लेल ओ गाम...गाम...घऱ...घर एक कएने रहलाह. गाम-गाम घुमि मैथिली आंदोलन चलएलाह. ईश्वर हुनकर आत्मा के शांति प्रदान करथिन्ह.


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