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अपने घर मे आगि लगा लेलहुं !


राज ठाकरे के मुद्दा पर बिहार अखनो सुलगि रहल अछि.  यूपी...बिहार के छात्र के मुम्बई मे भेल पिटाई के बाद राज ठाकरे गिरफ्तार भेलाह... जमानत पर घर गेलाह.   मुदा हम ओहि मुदा के पकड़ने छी आओर कs कि रहल छी अपने घर मे आगि लगा रहल छी.  हम ककर मुकसान क s रहल छी ?   बिहारक लोक जे आई कs रहल छथिन्ह ओहि पर राज ठाकरे मने- मन हंसैत होताह आओर कहैत होताह केहन बकलोल... बुड़बक सभ अछि जे मुम्बई मे तs पिटयबे करलाह... घर जाकs अपने लोक सभ के संग मारि- पीट करि रहल छथि.  अपने घर... दोकान... अपने स्टेशन... अपने ट्रेन के तोड़ि रहल छथि.  एहि सं कि कोनो मुम्बई वाला के परेशानी भs रहल छै ?   कि कोनो मुम्बई वाला के कोनो फर्क पड़ि रहल छै?.  कि एहि सं कोनो मुम्बई के ट्रेन बंद छै ?  कि कोनो मुम्बई ठप अछि ? एहि सं बिहारे-यूपी के लोक सभ परेशान छथिन्ह.  बिहार -यूपी के लाखों लोक दिल्ली आ दोसर जगह फंसल छथिन्ह.  भूखल पिआसल स्टेशन पर ट्रेनक रास्ता- पैरा देख रहल छथिन्ह.  सैकड़ों एहन लोक छथिन्ह जिनका इलाज के लेल दिल्ली... पटना... वैलोर... लखनऊ जाइ के छनि मुदा अहां सभक एहि तोड़पोड़ के कारण सभ मुसीबत झेल रहल छथिन्ह.   ई कोनो तरहे नीक काज नहिं कहल जा सकैत अछि.   जेना राज ठाकरे सभ किछ करला के बादहुं कानूनी रूप सं बाहर चलि गेलाह ... अगर अहां के किछ करय के अछि तं एहन रास्ता निकालु जे ओ कानून के जाल मे ओझरा जाथिन्ह.   मुदा ई त एकदम बुड़बकय अछि जे अहां सभ अपने शहर... गाम घर के... इंफ्रास्ट्रक्चर के नुकसान पहुंचा रहल छी.  कि कोसीक बाढ़ि सं कम नुकसान भेल छल जे  आओर नुकसान कs रहल छी.   ई कोनो तरहे पढ़ल लिखल लोकक काज नहिं अछि.   सोचु अहीं के घर मे किनको किछ भs जाए... हुनका अस्पताल... डॉक्टर के पास लs जनाय एकदम जरूरी होय अहां कि करब?  कोन ट्रेन सं जाएब.   ट्रेन के  तोड़ि फोड़ि...  आगि लगा देने छी... स्टेशन मे आगि लगा देने छी...  काल्हि इंटरव्यू देबय जाए के होएत... किनको केस मुकदमा होएतन्हि... किनको जरूरी काज सं पटना... दिल्ली जाए के होएतन्हि.  ओ कि करथिन्ह ?  हजारो लोक एहन छथिन्ह जे दीपावली ... छठ मे घर आबय केर लेल दु-दु ...तीन- तीन मास  पहिनो टिकट कटएने छलखिन्ह ... अहां सभक बेवकूफी के कारण हुनका सभ के टिकट रद्द कराबय पड़लन्हि.  आब टिकट मिलबो नहिं करतन्हि.  ओ सभ त अहिं सभ के कोसय होताह नहि जे एहि लोकक कारण गाम घर नहिं जा पबिलौं.  एहि मे सं कतेक लोकक मामा...काका... चाचा...भाईजी... दिल्ली...बम्बई... कोलकाता रहैत होताह ... आब करैत रहुं हुनकर इंतजार.  एहन काज तं निरक्षर लोक सेहो नहिं करैत होताह...अहां सभ पढ़ि लिखि क एहन कs रहल छी.  बुड़बकय के सेहो कोनो हद होए छै.  दिल्ली...मुम्बई के लोक सभ सं मिलु सभ कहय छथिन्ह केहन लोक सभ अछि. अपने घर मे आगि लगा रहल अछि.

1 टिप्पणी:

  1. ठीक कहलहुँ। मुदा एकर बीचमे अछि देशक विभिन्न भागक विकासमे असमानता। एहिपर ध्यान सेहो देब' पड़त।

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