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कोसी के कहर Kosi ke kahar


कोसी
के कहर

कोसी के कहर सं बिहार के सहरसा... सुपौल... मधेपुरा... अररिया ... पूर्णिया मे कोहराम मचल अछि. कुशहा सं बेकाबू भेल बाढ़िक स्थिति रोज खराब भs रहल अछि. हालत एकदम भयावह भs गेल अछि. लोग सभ कराहि रहल छथिन्ह. लोक सभ के कहनाय छनि जे बिहार मे एहन बाढ़ि कहिओ नहि आएल छल. गाम के गाम बहि गेल अछि. गाम घर के नामोनिशान मिटि गेल अछि. चारु कात पानिए पानि. बाढ़ि सं पचीस लाख सं बेसि लोक प्रभावित छथिन्ह. बचल लोक लोक गाम... घर... सामान सभ छोड़ि भागि रहल छथिन्ह. मुदा जे लोक गाम घर छोड़ि के जा रहल छथिन्ह ओकर सुरक्षा के कोनो इंतजाम नहि अछि. केहुना जान बचय. ई सोचि लोक सुरक्षित जगह पर जा रहल छथिन्ह. लोक के सामने समस्या ई अछि जे जान बचबो करत त खायब कि... पहिनब कि ? राहत या खाय पिबय लेल किछ पहुंचबो करैत अछि त ओ एतेक कम होएत अछि जे लोक केहुना कs भगवान के नाम ल दिन काटि रहल छथिन्ह. एहि मे बीच बीच मे पानि भेला सं हालत आओर खराब भ रहल अछि. लोक मे सरकार के प्रति गुस्सा बढ़ि रहल अछि. ऊंच जगह पर सेहो खाय पिबय के सामान नहि मिलि रहल अछि. चूड़ा... मुरही... सत्तु सेहो नहि मिल पाबि रहल अछि. पिबय लेल साफ पानि नहि मिलि रहल अछि. लोक बाढ़ि वाला पानि पिबय लेल मजबूर छथिन्ह. एहि मे बीमार... बुजुर्ग...बच्चा सभ के परेशानी अहां समझि सकय छी.
बाढ़ि
से करोड़ों रुपया के खेती बारी बर्बाद भs गेल अछि. एकटा अनुमान के मुताबिक एक हजार करोड़ सं बेसि के फसल के नुकसान भेल अछि. जान- माल के से भारी नुकसान भेल अछि. लोकहि नहि मवेशी सभ के सेहो पानि मे बहि जाए के आशंका छै. गाय... भैंस... बकरी सभ बहि गेल अछि. हालात एतेक खराब अछि जे कई ठाम सेना के बुलाबय पड़ल अछि. पूरा इलाका मे सब किछ ठप भs गेल अछि. आबय ...जाय के से परेशानी अछि... सड़क...रेल संपर्क से बाधित अछि.
ई आई के गप्प नहि अछि बिहार सभ दिन सं देश मे बाढ़ि सं सभस बेसि प्रभावित राज्य अछि. आधा सं बेसि इलाका के हर साल बाढ़िक कहर के सामना करय पड़ैत अछि. तखनो आई धरि एकर कोनो ठोस हल... समाधान नहिं खोजल गेल. बाढ़िक समाधान राजनीतिक पेंच मे फंसल रहल.

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