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आई मन बड़ खुश अछि

किछ गप्प ऐहन होएत अछि जकरा अहां मैथिली... भोजपुरी... मराठी कोनो भाषा... मिथिला... बिहार... यूपी... पंजाब आ महाराष्ट्र मे नहिं बांटि सकय छी. आजुक दिन ओहने छल. आई भोरे जखन अभिनव बिंद्रा 10 मीटर एयर राइफल मुकाबला मे स्वर्ण पदक जीतला तखन हम सभ टीवी पर ई सभ देखैत छलहुं... हुनका स्वर्ण जीतते हम सभ एक दोसरा के पजिआक... गला मिलि कs... थपड़ी बजाकs अपन खुशी जतएलौ. मुदा एकरा बादो ई एहन खुशी छल जकरा बयान नहिं कएल जा सकैत अछि. ई खुशी कोनो बिहारी... मराठी... आ पंजाबी के खुशी नहिं छल... ई खुशी मद्रासी... गुजराती कि कहि सभ भारतीय के लेल गर्व सं माथा उठाबय वाला खुशी छल. सभ एक दोसरा के बधाई दैत छलाह. मिठाई बांटल गेल... पटाखा फोड़ल गेल. ढोल- नगाड़ा... तुरही बजाओल गेल. देशक इतिहास मे व्यक्तिगत मुकाबला मे पहिल स्वर्ण पदक जीतला के बाद चारुकात सं अभिनव के ऊपर सौगातक बरसात होबय लागल. लालूजी रेलवे के गोल्डन पास देलखिन्ह. नीतीश कुमार खुश भs 11 लाख रुपया आओर पटना मे बनय वाला इंडोर स्टेडियम के नाम अभिनव के नाम पर राखय के घोषणा कएलथिन्ह.
ई पदक सिर्फ अभिनव बिंद्रा के पदक नहिं अछि... ई देश के सौ... सवा सौ करोड़ लोकक पदक अछि. अखन तक हॉकी छोड़ि भारत के दोसर कोनो खेल मे गोल्ड नहिं मिलल छल. 1980 के मॉस्को ओलंपिक के बाद त हॉकी मे सेहो स्वर्णक अकाल पड़ि गेल. ओकर बाद एहन भेल जे क्लालीफाई करय लेल संघर्ष करय पड़ैत अछि. व्यक्तिगत मुकाबला मे राज्यवर्धन सिंह राठौर के एथेंस मे सिल्वर मिलल छलन्हि. व्यक्तिगत मुकाबला मे तs 112 बाहर साल पहिने ओलंपिक शुरू भेला के बादे सं भारत के एकोटा गोल्ड नहिं मिलल छल. एहि मे अभिनव के स्वर्ण जीतनाय एहन छल जे लागैत छल नाचय लागु... भांगड़ा करय लागु... किछ गाबय लागु... एहन बड़ दिन बाद भेल जे मन एतेक खुश छल. ओना तं रोज मस्ती मे रहय छी मुदा कहय छै नै जे बिन पीने नशा... से हाल छल. आओर ई हमरे नहिं सभ देशवासी के छलन्हि.
एहि दौरान ई खबर पर नजर गेल जे राज ठाकरे कहलथिन्ह अ जे जेहि दोकानक... दफ्तरक बोर्ड... होर्डिंग... बैनर मराठी मे नहिं होएत ओकरा तोड़ि देल जाएत. डरे लोक सभ अपन बोर्ड... बैनर... होर्डिंग मराठी मे बदलय लगलाह अ. ई खबर पढ़ि हम सोचय लगलौं जे कि अभिनव के खबर पढ़ि राज ठाकरे खुश होताह कि नहिं ? ओ त सिर्फ पोखरि के बेंग के जकां मराठी टा टरैंत रहैत छैथि. हुनका आंखि पर तं टमटमक घोड़ा जकां पट्टी लागल छनि जे ओ सिर्फ नाके सीध मे देखय छथिन्ह अगल-बगल मे नहिं. मराठी सं बेसि तं हुनका सुझाइते नहिं छनि. त कि आई हुनका मन नाचय के कएलकन्हि कि नहिं ? अहां सभ पता लगाउ... पता चलय त हमरो बताएब. तखन तक जय श्री कृष्णा.

2 टिप्‍पणियां:

  1. जीत की बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं!

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  2. हमर छत्‍तीसगढ म तो अब अईडिया वाले मन घलो अपन होर्डिंग छत्‍तीसगढी म लगावत हें । जय हो हमर देश के बोली भाखा के ..... ।

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