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दुर्लभ चिड़ियाक शिकार

दफ्तर में संगी सभक गप्प होयत छल. गप्प सर्दी में साइबेरिया आओर दोसर ठाम सं आबय वाला विदेशी पक्षी पर भ रहल छल. संगी सभक कहनाय छलन्हि जे हर साल सर्दी शुरू होबतहि दुर्लभ पक्षी सभ भारतक रुख करय लागैत अछि. एहि में कतेक एहन चिड़िया सभ रहैत अछि ज खत्म होय...विलुप्त होय के कगार पर अछि. ई सभ भरतपुर सं लSक दिल्ली के ओखला तक आबय अ. राजस्थान... दिल्ली सं लS क कइ ठामक गप्प भेल मुदा ओहि में बिहारक...मिथिलाक कोनो जिक्र नहिं भेल त हमरा नहिं रहल गेल. हम हुनका सभ के कहलन्हि जे अहां सभ जे कहुं मुदा मिथिला में सेहो बड़ चिड़िया सभ जाड़ में आबय छै. बरसात खत्म भेलाह के बाद जाड़ा आबय छै. आओर ओकरा बाद नदीए नहिं पोखरि...तालाब डबरा सभ पानि सं भरल रहय छै. दरभंगा... मधुबनी... समस्तीपुर... सहरसा... पूर्णिया तक बागमती... कमला बलान... कोसी नदी के आस पासक इलाका में अहांके हजारों चिड़िया सभ मिलि जायत. कुशेश्वरस्थान... निर्मली... पटोरी मोहिउद्दीन नगर ... केवटी क रजोखर... बाढ़ि

पोखर अहां जाउ अखनो कइटा एहन दुर्लभ चिड़िया देखय लेल मिलत जे दोसर ठाम फेर देखय लेल मिलत नहिं मिलत. एहि चिड़िया सभ में साइबेरियन के संग लालसर... कवैल... गैरी... डिगौंच प्रमुख अई. ठंड के आनंद केसंग पक्षी सभ अपन आबोहबा बदलैय लेल... प्रजनन लेल सेहो आबैत अछि. मुदा कई बेर शिकारी सभ एकराशिकार कए बेचैत रहय छथिन्ह. ओना आब पहिने के तुलना में चिड़िया खनाय कम भेल मुदा जाड़ा में विदेशीचिड़िया मिलि जाय छै लोक सभ खरीद... पकड़ि खाए लैत छथि. एकरा बचयबाक लेल लोक के जागरूक होयपड़त. अगर एकरा मारि के खा लेब धरती पड़ सं एकटा दुर्लभ प्रजाति गायब जायत...नामोनिशान मिटिजायत. लोक के चाही जे जेना परबा... कबूतर के खनाय छोड़ि देलाह ओहिना एकरो शिकार करनाय छोड़िदेताह. झूंड में... गुट में चिड़िया सभ जखन उड़य कतेक नीक लगैत अछि. कि अहां नहिं चाहैत छी जे ऐनाफेर दिखय ?

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